देव के विकास हेतु मास्टर प्लान बनाकर प्राथमिकता तय करने हेतु जिला पदाधिकारी से किया जाएगा अनुरोध
औरंगाबाद।जिले के नाम देव करने को लेकर एक बैठक का आयोजन सहदेव चौधरी पुस्तकालय देव में किया गया उक्त कार्यक्रम जनेश्वर विकास केंद्र कि शुक्रवार के हुई बैठक में लिया गया।बैठक जनेश्वर विकास केंद्र के तत्वाधान में जनेश्वर यादव की अध्यक्षता में सहदेव चौधरी पुस्तकालय देव में संपन्न हुई। जिसमें यह भी बताया गया कि देव के विकास हेतु मास्टर प्लान बनाकर प्राथमिकता तय करने हेतु जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया जाएगा
26 अक्टूबर को मनाया जाएगा सहदेव चौधरी की पुण्यतिथि समारोह
सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया की देव एक ऐतिहासिक और धार्मिक जगह है तथा औरंगाबाद जिले की पहचान है । इसके बावजूद इस स्थल को ना तो महत्व दिया गया और ना तो अपेक्षित विकास ही किया गया। जबकि इससे कम महत्व की जगह रोहतास नाम के नाम रोहतास जिला रखा गया जबकि इसका मुख्यालय सासाराम है ,कैमूर पर्वत श्रृंखला के नाम पर कैमूर जिला रखा गया जबकि इसका मुख्यालय भभुआ है, राजा भोज के नाम पर जिले का नाम भोजपुर रखा गया जबकि इसका मुख्यालय आरा है , वैशाली के नाम पर जिले का नाम वैशाली रखा गया जबकि इसका मुख्यालय हाजीपुर है तथा नालंदा के नाम पर जिले का नाम नालंदा रखा गया जब इसका मुख्यालय बिहार शरीफ है।
इसी तर्ज पर औरंगाबाद जिले का नाम भी देव होना चाहिए था जो नहीं हुआ।यह एक दुखद पहलू है। इस बिंदु पर विचार विमर्श किया गया और निर्णय लिया गया कि जिले का नाम देव करने हेतु गृह मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा जाए जिसकी प्रतिलिपि जिला प्रशासन और बिहार सरकार को दिया जाएगा।अन्य प्रस्ताव में जिले के देव के विकास के लिए एक मास्टर प्लान बनाने और उसमें प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने का मांग किया गया इसके तहत प्राथमिकता के आधार पर देव को रिंग रोड से जोड़ने ,पार्किंग की व्यवस्था करने ,पार्क का निर्माण करने ,बस स्टैंड का निर्माण करने, मेला ग्राउंड के जमीन को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करने और देव के सभी सड़कों का चौड़ीकरण करने की मांग जिला पदाधिकारी से करने का निर्णय लिया गया।
इसके लिए शीघ्र एक प्रतिनिधिमंडल जिला पदाधिकारी से मिलकर कार्यान्वयन हेतु अनुरोध किया जाएगा ।अन्य प्रस्ताव के जरिए पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय सदैव चौधरी का पुण्यतिथि 26 अक्टूबर को सहदेव चौधरी पुस्तकालय देव मेआयोजित करने का निर्णय लिया गया ।इसके संयोजक दीपक गुप्ता और डॉ महेंद्र हार्ड को बनाया गया ।बैठक में बलिराम चंद्रवंशी, दीपक गुप्ता , रत्नेश कुमार सिंह, महेंद्र हार्ड, अधिवक्ता रवी रंजन प्रकाश , गुप्ता प्रसाद , सिद्धेश्वर विद्यार्थी, आदि उपस्थित रहे।