अपर मुख्य सचिव के खिलाफ मसाल जुलूस के साथ सड़कों पर उतरे शिक्षक,

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औरंगाबाद। एक और जहां सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नही हैं। वही दूसरी तरफ बिहार के तमाम शिक्षक उनके तुगलकी फरमान को लेकर आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में सड़क पर उतरने को बाध्य हो गए हैं।

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इसी आक्रोश के तहत औरंगाबाद के तमाम शिक्षक संगठन से जुड़े शिक्षक नेता एवं शिक्षिकाएं शनिवार की देर शाम अपर मुख्य सचिव के खिलाफ सड़क पर उतर गए। विभिन्न संगठनों के द्वारा अपर मुख्य सचिव के सभी प्रकार के तुगलकी फरमान को लेकर सैकड़ों की संख्या में शिक्षक सड़क पर आक्रोश मार्च निकाला और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान शिक्षकों ने शहर के रमेश चौक पर  अपने हाथों में मसाल लेकर आक्रोश का इजहार किया। शिक्षक नेताओं ने कहा कि कोई भी शिक्षक सक्षमता परीक्षा से भाग नही रहा है। मगर इस परीक्षा के माध्यम से अपर मुख्य सचिव शिक्षकों को जिला बदर करना चाहती है। जो किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही है और शिक्षकों का विरोध इसी बात से है।

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शिक्षक नेताओं ने कहा कि वर्ष 1995 में भी ऐसा प्रयोग किया गया था। लेकिन वह प्रयोग सफल नहीं हुआ और उस वक्त से शिक्षा की जो व्यवस्था गड़बड़ हुई वह आज तक नही सुधर पाई। शिक्षक नेताओं ने कहा कि बिहार में पिछले 20 वर्षों से शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव को समझ में नहीं आया कि शिक्षक सक्षम है या नही।

वे सक्षमता परीक्षा के नाम पर आईएएस का धाक जमाना चाहते हैं मगर उनकी मंसूबों को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा। शिक्षक नेताओं ने बताया कि बच्चे आत्मीयता एवं मनोवैज्ञानिक तरीके से शिक्षको से जुड़ जाते है। लेकिन जिला बदर वाली स्थिति में इसका प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ सकता है। शिक्षक अब अपर सचिव से दो दो हाथ करने को तैयार हैं।

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