बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर सुरेश पासवान ने कहा है कि पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन औरंगाबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सूर्य महोत्सव देव के उद्घाटन समारोह में बिहार सरकार के एक भी मंत्री क्यों आना मुनासिब नहीं समझे। इससे समझा जा सकता है कि बिहार सरकार सूर्य महोत्सव के आयोजन को किस तरह से हल्के में लेते हुए एक तरह से इग्नोर करने का काम किया है।
मैं 1999 से 2005 तक पर्यटन विभाग के मंत्री के रूप में लगातार महोत्सव के भव्यता को बढ़ाने हेतु जो भी हो सकता था उसको मूर्त रूप देने का काम किया जबकि उस वक़्त बचट बहुत कम होता था । सूर्य महोत्सव देव के उद्घाटन के मौक़े पर मुख्यमंत्री सहित कई कई मंत्रियों को आमंत्रित कर लाया जाता था ,जिससे महोत्सव की गरिमा को आगे बढ़ाने का न सिर्फ़ काम किया बल्कि औरंगाबाद ज़िले में देव महोत्सव के माध्यम से चौतरफ़ा विकास का सिलसिला
शुरू हो गया । उसी का फलाफल है कि औरंगाबाद जिला मुख्यालय में होटल सूर्य विहार का निर्माण,देव क्षेत्र में पूर्ण जलापूर्ति हेतु जल मीनार का निर्माण,देव के चारों तरफ़ रींग रोड का निर्माण, सूर्य मंदिर परिसर का विकास,विबाह मंडप का निर्माण ,प्रकाश व्यवस्था के लिए बड़े हाई मास्ट लाइट लगाना,सूर्य कुंड तालाब एवं डोमा पोखर तालाब के घाटो का निर्माण तथा रानी पोखर का सौंदर्यीकरण का
कार्य कराया गया ।देव मोड़ से देव मंदिर तक सड़क का चौड़ीकरण का काम किया गया। आज मुझे फक्र है कि 1999 में सूर्य महोत्सव देव के शुरूआत होने के बाद औरंगाबाद ज़िला में पर्यटन विभाग एवं कला संस्कृति विभाग के द्वारा 19 महोत्सवों का सरकारी स्तर पर आयोजन किया जा रहा है जो एक कृतिमान है ।
वर्ष 2023 में तत्कालीन बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित बिहार सरकार के कई मंत्रियों के द्वारा सूर्य महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया गया और औरंगाबाद ज़िले के कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के विकास के लिए मंच से घोषणा किया गया । कुछ दिनों बाद पर्यटन विभाग के अधिकारियों के द्वारा सम्पूर्ण देव क्षेत्र के विकास हेतु एवं गजना माता मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग बाहर करोड़ रुपए की योजना की स्वीकृति देने हेतु विभाग
को प्रस्ताव भेजा गया जिसे तत्कालीन पर्यटन मंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी के द्वारा बजट के साथ स्वीकृति देते हुए निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य कराने का निर्देश दिया गया। आज मुझे कहते हुए गर्व हो रहा है कि उन सभी योजनाओं पर युद्ध स्तर पर कार्य कराया जा रहा हैं जो अंतिम चरण में हैं।
मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि यह पहला महोत्सव का उद्घाटन सत्र है जिसमें बिहार सरकार का कोई भी मंत्रीमंडल के सदस्य नहीं आ सके जिसके चलते महोत्सव के इतिहास में यह दर्ज हो गया कि इस तरह के राजकीय महोत्सव को एक तरह से अपमानित कीया गया।ख़ासकर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री भी इस महोत्सव को तबज्जो नहीं दे सके इसलिए महोत्सव के उद्घाटन के मौक़े पर नहीं आने का क्या कारण हो सकता है इसका भी स्पष्टीकरण बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री जी को देना चाहिए।