अनुग्रह स्कूल के शिक्षक रहे राजेंद्र बाबू के निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर

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शिक्षक राजेंद्र बाबू अनुग्रह स्कूल की पहचान थे:उदय कु सिंह

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जिला मुख्यालय स्थित पीएम श्री अनुग्रह मध्य विद्यालय के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक रहे राजेंद्र बाबू ने अपनी लगभग नब्बे साल की अवस्था में अंतिम सांस ली। अनुग्रह स्कूल के प्राचार्य उदय कुमार सिंह उनकी बनारस के लिए अंतिम यात्रा शुरू होने के पूर्व पार्थिव शरीर पर विद्यालय परिवार की ओर से श्रद्धांजलि दिए। उन्होंने राजेंद्र बाबू को उत्कृष्ट एवं आदर्श शिक्षक बताया और कहा कि लगभग

अपनी पूरी शिक्षकीय जीवन अनुग्रह स्कूल में ही बिताया और अंग्रेज़ी के बेजोड़ शिक्षक थे। उनकी दिव्यांगता गंभीर थी लेकिन उनकी जीवन शैली, कार्यशैली,जिंदादिली,समय की पाबंदी और पढ़ाते रहने की जिद पर उसका किंचित मात्र भी असर नहीं था। सदैव रिक्शा पर आत्मविश्वास से भरे चेहरे के साथ सवार होकर विद्यालय बिल्कुल समय पर आते जाते थे। भगवान श्री राम उनके आदर्श थें और

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महाग्रंथ राम चरित्र मानस उनका साथी। मानस की पूरी चौपाइयां उन्हें कंठस्थ थीं। बेहद निडर एवं अपने फैसले पर अडिग रहने के उनके कई किस्से जिले में मशहूर हैं।प्रधानाध्यापक उदय ने कहा कि वह भी उनके प्रिय छात्रों में से एक थे। उन्होंने कहा कि सेवानिवृति के उपरांत उन्होंने शिक्षक दिवस के अवसर पर तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी मोहम्मद अलीम के हाथों विद्यालय प्रांगण में

उत्कृष्ट शिक्षक का सम्मान दिलवाया था।राजेंद्र बाबू हसपुरा प्रखंड के बघोई गांव के रहनेवाले थे व स्वतन्त्रता सेनानियों के परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके निधन पर वरीय अधिवक्ता उदय कुमार सिंह,उनके संबंधी रेड क्रॉस चेयरमैन सतीश कुमार सिंह,

कोऑपरेटिव चेयरमैन संतोष कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, मन्नू सिंह,अनुग्रह स्कूल के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ साथ उनके साथ प्रायः रहने वाले अवधेश ठाकुर, कृष्ण बल्लभ मिश्रा,उमेश कुमार सिंह आदि ने उनके आवास पर जमा होकर अपना श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावांजलि दिए।

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