औरंगाबाद।अम्बा के श्री कृष्णपुरी परता धाम का तीन दिवसीय कल्पवृक्ष महोत्सव का हुआ आगाज । कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी प्रवीण कुमार, मुखिया संघ जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह, पूर्व पैक्स अध्यक्ष राजकुमार सिंह, महिला कॉलेज अंबा के प्राचार्य प्रो. दिनेश कुमार सिंह, धाम विकास समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, पूर्व मुखिया वीरेंद्र पांडेय आदि ने संयुक्त रूप से किया।
सभा का संचालन समिति के प्रवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत अहले सुबह साइकिल रैली से हुई। प्रवीण कुमार ने धाम के चारों कोनों पर एलइडी लाइट लगवाने का आश्वासन दिया। इसी तरह मुखिया संघ जिलाध्यक्ष ने एसडीओ से संपर्क कर सतबहिनी मंदिर से धाम को निर्धारित राशि दिलाने का आश्वासन दिया। वरुण कुमार सिंह ने दहेज रहित सामूहिक विवाह की जानकारी लोगों को दी। सांस्कृतिक सत्र का आयोजन हुआ।
रोहित कुमार, स्वाति कुमारी, आनंद ठाकुर ने प्रस्तुति दी। इस मौके पर अरुण सिंह, रमेश भगत, रमेश्वर बैठा, जगेश्वर यादव, प्रमोद सिंह आदि थे। महोत्सव के दूसरे दिन स्थानीय व बाहरी कलाकारों की प्रस्तुति होगी तथा तीसरे दिन महिला कबड्डी के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। बताते चलें की बिहार के औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड के एक बीहङ इलाके में आज से दो सौ साल पहले परता नामक जगह पर राधे–कृष्ण की मंदिर बनवायी गई थी।
छानबीन से पता चला कि यहां पहले से कल्पवृक्ष मौजूद था । मंदिर बनवाने के लिए इस स्थान का चयन शायद इसी वजह से किया गया हो । देखना हो तो औरंगाबाद से डाल्टेनगंज जाने वाला राष्ट्रीय राजपथ 139 से गुजरना पङेगा । इसी राजपथ पर स्थित हरिहरगंज अम्बा के बीच शिवाला के नजदीक से जो पतला रास्ता पूरब की ओर जाता है उसे पकङकर मंदिर पहुंचा जा सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा को यहां मेला लगता है जिसे स्थानीय लोग सुथनिया मेला भी कहते हैं । सुथनी एक प्रकार का फल होता है जिसकी बिक्री मेला में होती है । मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन की पौराणिक कथा में जो चौदह वस्तुएं (रत्न) मंथन से निकलीं उनमें कल्पवृक्ष भी शामिल है । हिन्दू मान्यता के अनुसार कल्पवृक्ष को मनोकामना सिद्धि का सबसे उत्तम साधन माना जाता है ।