अधिवक्ता संघ के सभागार में पुलवामा शहीद के शहादत दिवस एवं मातृ पितृ पूजन दिवस का हुआ आयोजन

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औरंगाबाद।जनेश्वर विकास केंद्र एवं जन विकास परिषद के द्वारा पुलवामा शहीद के शहादत दिवस के अवसर पर अधिवक्ता संघ सभागार में शुक्रवार के अपराह्न साढ़े चार बजे श्रद्धांजलि सभा एवं मातृ पितृ पूजन दिवस पर एक संगोष्ठी सभा कार्यक्रम आयोजित की गई। इस दौरान शहीदों के छायाचित्र के ऊपर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें याद किया।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर दिनेश सिंह की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने वैलेंटाइन डे के प्रचलन को विदेशी प्रचलन बताते हुए कहा कि आज के युवा वर्ग भारतीय सैनिक बल को ही प्रेरणा स्रोत बनाएं।हम अपने वीर जवानों को याद करते हैं, जिन्हें हमने इस दिन पुलवामा में खो दिया था. हम उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूल सकते. उनका साहस हमें एक मजबूत और विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरित करता।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पांडेय ने कहा कि हमारे राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। देश के प्रति उनकी शहादत हम सबको देश प्रेम के प्रति हमेशा प्रेरित करता रहेगा। इन भारत मां के वीर सपूतों का कृतियां सदैव अमर रहेगा। विधि संघ के पूर्व अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि देश रक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दे देने वाले भारत मां की वीर

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सपूतों का नाम हम लोग के बीच सदैव अमर रहेगा, कविवर लवकुश प्रसाद सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह अपने काव्य पाठ से राष्ट्र प्रेम भावना के प्रति लोगों को जागृत किया। अधिवक्ता इंद्रदेव यादव ने काला दिवस बताते हुए कहा कि यह नापाक हरकत पाकिस्तान का देश कभी नहीं भूल सकता भारतीय सेवा ने हमेशा पाकिस्तान सैनिकों को धूल चटाने का काम किया है। डॉ सुमन लता कहा कि इन सपूतों का शहादत युवा पीढ़ी को राष्ट्र प्रेम के प्रति जागृत करता रहेगा।

ऐसे वीर सपूतों को जन्म देने वाले माता-पिता को भी हम नमन करते हैं। इस दौरान पाश्चात्य सभ्यता की ओर भाग रहे युवाओं को अपनी सनातन संस्कृति, संस्कार और माता पिता के महत्व को समझने और उसे अंगीकार करने की अपील की। वक्ताओं ने कहा कि भगवान राम ने माता पिता और गुरु को भगवान का दर्ज दिया और पिता के वचन की रक्षा के लिए 14 वर्ष तक वनवास काटा।मगर आज के युवा अपनी संस्कृति से दूर हो रहे है जो चिंता का विषय है।

कार्यक्रम का धन्यवाद यापन करते हुए समाजसेवी आदित्य श्रीवास्तव आपने कविता पाठ से कहा कि आज का दिन वह दिन है किसी बहन ने अपनी मांग का सिंदूर खो दिया था तो किसी बहन ने अपने हाथ के राखी का कलाई खो दिया था, किसी मां बाप ने अपने बुढ़ापे का सहारा खो दिया था आज ही के दिन पूरा भारत रो दिया था। आज की इस दिन को देश कभी नहीं भूल सकता।

इस मौके पर रामचंद्र सिंह, युवा ज्योतिषाचार्य ओम प्रकाश पाठक, अनिल कुमार, अधिकता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, कमलेश सिंह, मधुसूदन त्रिवेदी, विनोद मालाकार, बैजनाथ सिंह अन्य कई लोग मौजूद थे।

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