श्रीमान लालू प्रसाद यादव जी के इशारे पर इनके दल के लोग सनातन के संतानों को,सनातन के धर्मगुरुओं को और सनातन के धर्मग्रंथों पर न जाने क्या-क्या बोलते रहें।
सनातन के सम्मान को देश ही नहीं पूरे विश्व में गौरवान्वित करने वाले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बारे में बिहार को मज़ाक़ बना कर रख देने वाले, खुद को राजनीतिक पंडित बताने वाले श्रीमान लालू प्रसाद यादव जी को शर्म आनी चाहिए।
देश के माननीय प्रधानमंत्री जी को तुम-ताम से संबोधित करना राजनीतिक भाषा कतई नहीं हो सकता है। वो कौन होते हैं किसी के धर्म और जाति का सर्टिफिकेट बनाने वाले?
इन लोगों ने तुष्टिकरण की राजनीति से सत्ता का खेला-खेलकर तथा माई समीकरण का नाम लेकर लोगों के बीच उन्माद पैदा किया। समाज को लड़ाने का, नरसंहार कराने का, लोगों तो विधवा बनाने का, रोजगार छिनने का, निवेशकों को भगाने का, वसूली, रंगदारी, और अकूत संपत्ति बनाने वाला व्यक्ति देश के प्रधानमंत्री के बारे में बोले तो यह शोभा नहीं देता है।
रही बात इनके पुत्र की, तो इनसे भी बड़ा नोटंकीबाज है। वो नेता कभी नहीं हो सकता। नेता बनने की कोशिश में अभिनेता की तरह नौटंकी करते हैं लेकिन मालूम होना चाहिए कि अभिनेता बनने के लिए भी बहुत तप और साधाना की जरुरत होती है।