कोई भी शिक्षक संगठन नहीं है मान्यता प्राप्त,धरना प्रदर्शन या सरकार के नीतियों का विरोध पर होगी कारवाई

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पटना। माध्यमिक शिक्षा निदेशक बिहार,कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने अपने कार्यालय से संचिका संख्या 11/वी 11 – 228/ 2023/ 2402 के द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र भेजा है। जिसमें प्रारंभिक विद्यालय से माध्यमिक,उच्च माध्यमिक विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा सामान्य अनुशासन का पालन किए जाने से संबंधित निर्देश दिए गए हैं।

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उक्त पत्र में बताया गया है कि प्रारंभिक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय के कुछ शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया एवं अखबारों के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए जाने की सूचना प्राप्त होती रहती है।

इस क्रम में उनके द्वारा कभी-कभी राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना भी की जाती है एवं राज्य सरकार के नीतियों का विरोध भी किया जाता है। ऐसा किया जाना शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक माहौल को बेहतर करने में बाधा उत्पन्न करता है। प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक माहौल बेहतर करने के उद्देश्य से यह स्पष्ट की जा रही है कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों के किसी भी संघ को मान्यता नहीं दी गई है।

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यह भी उल्लेखनीय है कि किसी भी शिक्षक या शिक्षककेत्तर कर्मियों को किसी भी संघ का सदस्य बनने की मनाही है। यदि किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा किसी भी संघ की स्थापना की जाती है या उसकी सदस्यता ली जाती है तो इसे गंभीर कदाचार माना जाएगा एवं उक्त शिक्षक तथा कर्मी के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

किसी भी शिक्षक या शिक्षककेत्तर कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया साइट या समाचार पत्र या टीवी के माध्यम से अनर्गल प्रचार प्रसार नहीं किया जाएगा।यदि ऐसा किया जाता है तो इसे गंभीर कदाचार माना जाएगा एवं शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मी के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

ऐसी स्थिति में सभी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी शिक्षकों एवं शिक्षककेत्तर कर्मियों से उक्त निर्देश का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता, हड़ताल, प्रदर्शन इत्यादि करने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करें।

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