अमन का संदेश, तिरंगा लेकर सड़क पर उतरे मुस्लिम समुदाय के लोग

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हिंदू भाइयों को और मंदिर के पूजा समितियां के बीच जाकर मोहब्बत और आपसी भाईचारा का पैगाम दिया

औरंगाबाद।रविवार से पवित्र शारदीय नवरात्र पर्व शुरू हो गई है।इस मौके पर पैगाम ए इंसानियत मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर में शांति मार्च निकाला। शहर वासियों को शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गापूजा मनाने की अपील की। कार्यक्रम का नेतृत्व मो. शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान, मो. सद्दाम , मोहम्मद कयूम ,मोहम्मद सूफियान ,मोहम्मद रफीक ,हाजी अब्दुल लतीफ सहित के नेतृत्व में निकाला गया।

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महावीर मंदिर के पुजारी संतोष पाण्डेय धर्मशाला मोड़ स्थित मंदिर सौरभ कुमार, पांडे मनीष पांडे, सुनील पांडे, कारगिल शहीद चौक सब्जी मंडी स्थित मंदिर के साथ साथ अन्य मंदिरों में पुजारी को सम्मानित किया गया। अध्यक्ष सल्लू खान ने कहा कि आज कलश स्थापना पर सभी लोगों से अपील किया गया है कि दुर्गा पूजा आज से लेकर 24 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। दोनों समुदायों के लोगों से अपील किया गया हमारा शहर हमेशा से शांति का प्रतीक रहा है और इसे मिल जुलकर बनाए रखना है।

शहरवासियों से दुर्गा पूजा पर आपसी भाईचारा के साथ मनाने की अपील की। जिला में सभी वर्ग के लोग आपस में मिलकर रहते हैं।लेकिन कुछ शरारती तत्व सद्भावना बिगाड़ने में लगे रहते हैं, ऐसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। कहा कि दुर्गा पूजा जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोग भाग लेंगे, हम सभी को आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिए। कहा कि जिस तरह से हमेशा ईद, बकरीद, मुहर्रम, होली, दीपावली, छठ, रामनवमी, महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है उसी तरीके से दुर्गा पूजा भी शांतिपूर्ण तरीके से मनाना है।

उन्होंने अपील की कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट ना करें, किसी भी तरीके से धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाना है। कुछ असामाजिक तत्व के लोग जो सोशल मीडिया पर या अफवाह फैलाएंगे तो उनसे समाज के साथ जिला प्रशासन भी सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। चाहे वह किसी धर्म के क्यों न हो। पैगाम ए इंसानियत मुस्लिम समुदाय के लोक हमेशा एक्टिव रहते हैं।

बता दें सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल शहर में पैगाम इंसानियत के अध्यक्ष सल्लू खान सक्रियता रहती है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। जब कभी मंदिर में प्रसाद वितरण होता है तो करना नहीं भूलते। खुद के साथ दोनों समुदाय को एक साथ लाने के लिए सद्भावना बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सल्लू खान ने कहा कि मजहब नहीं सिखाता है आपस में बैर रखना हम सभी एक साथ मिलजुल कर मंगल पूर्वक पर्व को शांतिपूर्वक मनाना है और लोगों के साथ भाईचारा पेश करना है। इस मौके पर छोटे खान, मो. ज्ञासुद्दीन, मोहम्मद निसार अहमद, मोहम्मद अकबर, दानिश खान आदि उपस्थित रहे।

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