औरंगाबाद। लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के तहत औरंगाबाद संसदीय सीट से नामांकन किए 21 प्रत्याशियों में मात्र 9 प्रत्याशियों का ही नामांकन पत्र वैध पाया गया। यानी कि 12 प्रत्याशियों का नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया। जिसको लेकर नामांकन रद्द हुए प्रत्याशियों में भरी रोष है और वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कह रहे हैं।
नाम निर्देशन रद्द होने पर प्रत्याशियों ने पक्षपात का आरोप लगाया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री द्वारा जारी किए सूची के अनुसार जिन प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रद्द किए गए हैं उनमें बीजेजेडी के प्रत्याशी शंभूशरण ठाकुर, राजपा के अजीत कुमार, निर्दलीय प्रत्याशी सुजीत कुमार सिंह, महेंद्र कुमार, विनोद प्रसाद चौधरी, गौतम कुमार, अनील प्रसाद, अमन कुमार सिंह, अमित शर्मा, सुरेश राम, धीरेंद्र कुमार सिंह एवं शक्ति कुमार मिश्रा शामिल है।
जबकि जिन प्रत्याशियों का नामनिर्देशन पत्र स्वीकृत हुआ है उनमें राष्ट्रीय जनता दल के अभय कुमार सिंहा, बहुजन समाजवादी पार्टी के सुनेश कुमार, भारतीय जनता पार्टीके सुशील कुमार सिंह, पीपुल पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक की प्रतिभा रानी, राष्ट्रीय जन संभावना मंच के रामजीत सिंह, अखिल हिंद फॉरवर्ड ब्लॉक क्रांतिकारी के शैलेश राही, निर्दलीय मो वलीउल्लाह खान, निर्दलीय राज बल्लभ सिंह, निर्दलीय सुरेश प्रसाद शर्मा शामिल हैं।
नाम निर्देशन पत्र अस्वीकृत हुए प्रत्याशियों ने बताया कि उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी।यदि उनके नाम निर्देशन पत्र में कही कोई त्रुटि थी, तो जिला निर्वाचन विभाग द्वारा सुधार किए जाने का मौका मिलना चाहिए था। परंतु ऐसा नहीं किया गया। नामांकन रद्द होने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाले विनोद प्रसाद चौधरी ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा के दौरान वे सभी के नाम निर्देशन पत्र को देख रहे थे।
संवीक्षा के क्रम में बीजेपी प्रत्याशी सह निवर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह के नाम निर्देशन पत्र में भी एक कॉलम खाली पाया गया था। इसके बावजूद उनके नामांकन पत्र को स्वीकृत कर अन्य प्रत्याशियों के साथ भेदभाव किया गया।
वही जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि शनिवार को उम्मीदवारों द्वारा दाखिल नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की गई। संवीक्षा में नाम निर्देशन पत्र में त्रुटि पाए जाने पर 12 प्रत्याशियों के नामांकन को रद्द कर दिया गया है। इस प्रकार लोकसभा चुनाव में अब 21 की जगह मात्र 9 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में रह गए हैं।