संगीत ईश्वर के निकट पहुंचने का सबसे सुगम साधन

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संगीत है शक्ति ईश्वर की हर सुर में बसे है राम, रागी जो सुनाये रागिनी रोगी को मिले आराम.

 

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औरंगाबाद। संगीत ईश्वर के निकट पहुंचने का सबसे सुगम साधन है, संगीत के हर सुर में राम बसे है. ये बातें भोजपुरी सिनेमा जगत के प्रख्यात संगीतकार अविनाश झा उर्फ घुंघरू जी व राष्ट्रीय स्तर के जाने-माने तबदला वादक पंडित अनुराग मिश्र ने कही. शहर के समाहरणालय के समीप स्थित माई छोटा स्कूल में आयोजित संगीत प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे दोनों दिग्गज संगीतकारों ने कहा कि संगीत ईश्वर की वह शक्ति है, जिसके जरिये कठिन से कठिन असाध्य रोगों का भी इलाज संभव है.

 

दुनिया भर में म्यूजिक थेरेपी को लेकर प्रयोग हो चुके है. मनुष्य ही नहीं जीव जंतुओं, पशु पंछियों व पेड़ पौधों पर भी संगीत की सुरिली स्वर लहरियां सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है. संगीतकार घुंघरू जी ने संगीत सीख रहे बच्चों से वार्तालाप करते हुए कहा कि अच्छा व साफ-सुथरा संगीत सीखे. संगीत साधना की चीज है. जितना अधिक मेहनत होगा उतना गायिकी में निखार आयेगा. पंडित अनुराग मिश्र ने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है.

 

गुरु के सानिध्य में बैठें और उनसे चीजों को ग्रहण करके निरंतर अभ्यास करें. कला मां सरस्वती का वरदान है. निरंतर रेयाज से ही ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है. इस दौरान घुंघरू जी ने छात्र- छात्राओं को राम सुमिर ले प्राणी ये दो दिन की जिंदगानी भजन सुनाया. साथ ही बच्चों की फरमाइश पर अगर तुम बेनकाब आओ कयामत की घड़ी होगी जैसे गीत सुनाये।

 

बच्चों के सामने पंडित अनुराग मिश्र ने तबला वादन प्रस्तुत किया. इस मौके पर तबला वादक धीरज कुमार वत्स, आदित्य नंदन, राहुल कुमार, राखी कुमारी आदि मौजूद थे.

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