पिता मजिस्ट्रेट परशुराम बाबू की प्रशासनिक क्षमता के थे जिलेवासी कायल, सेवानिवृति के उपरांत जीवन के आखिरी दिन तक की माता गायत्री उपासना – किरण सिंह
किरण सिंह
पिताजी स्वर्गीय परशुराम सिंह का जन्म ग्राम जमोंढी,रोहतास में एक जमींदार परिवार में हुआ था लेकिन आम लोगों की सेवा करने की भावना ने उन्हें बिहार प्रशासनिक सेवा की ओर अग्रसर किया। उन्होंने पहले प्रयास में ही परीक्षा उत्तीर्ण कर बीडीओ हरिहरगंज बने जहां मेरा जन्म भी हुआ था।
उन्होंने अपनी पूरी सेवा अवधि में सबसे अधिक औरंगाबाद पदस्थापित रहे एवं जिले के विभिन्न प्रशासनिक पदों को सुशोभित किये थे।यहाँ के लोगों से नजदीकी सरोकार रखकर प्रशासनिक दायित्वों को बखूबी सम्पादित किये एवं लोगों में काफी लोकप्रिय भी हुए।
सेवानिवृति के उपरांत अपने व्यक्तित्व का आध्यात्मिक विस्तार किये एवं गहरे स्तर तक गायत्री की उपासना किये।मिशन रोड स्थित अपने आवास गायत्री गृह के निकट उन्होंने आमलोगों के सहयोग से गायत्री मंदिर का निर्माण भी करवाया जहां आज भी पूजन अर्चन बड़े स्तर पर हो रहा है।
उनके इस आध्यात्मिक परम्परा को मैं भी पोषित कर रही हूँ एवं उनके मूल्यों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रही बेटी स्निग्धा एवं इसी वर्ष सीबीएससी टेन का झारखण्ड टॉपर रहा प्रसून में बीजारोपित कर रही हूँ।