मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना तो फिर सनातन धर्म पर हमला क्यों

2 Min Read
- विज्ञापन-

असामाजिक तत्व इसी का फायदा उठाकर करते है देश का माहौल खराब

- Advertisement -
Ad image

*राजेश मिश्रा*

तमिलनाडु सरकार के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन इन दिनों सनातन धर्म पर दिए गए बयान की वजह से काफी चर्चा में है, और उनके द्वारा दिए गए बयान की सभी जगहों पर उनकी घोर निंदा की जा रही है। और होनी भी चाहिए। क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां पर सभी धर्म सामुदाय के लोग अपने-अपने धर्म को भली भांति से पालन करते क़ी आजादी है।

- Advertisement -
KhabriChacha.in

लेकिन कुछ राजनीतिक दल सत्ता के नशे में ऐसा चूर हो चुके हैं कि उन्हें धार्मिक भावनाओं की जरा सी भी परवाह नहीं है। उन्हें सीधी तौर पर यही बात समझ आती है कि किस तरह के बयान बाजी देने से हमारे पक्ष में वोटो की संख्या अधिक बढ़ेगी और वह इस तरह के अनर्गल बयान बाजी करते हैं। अब जैसे-जैसे लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रही है।

लगता है अमर्यादित टिप्पणियों की झाड़ियां लगेगी। तमाम तरह के राजनीतिक दलों को यह बात जरूर ध्यान रखनी चाहिए कि यह वही भारत देश है। जहां की लोग दरगाह पर भी चादरपोशी के लिए जाते हैं। चुनाव के समय मस्जिद में भी नेता मंत्री अपनी मस्तक झुकाते हैं। तो फिर सनातन धर्म पर हमला क्यों आखिर इस तरह के बयान देकर क्या प्रमाणित करना चाहते हैं।

भारत सदियों से धर्मनिरपेक्ष देश रहा है। यहां सभी धर्म के लोगों को सम्मान भाव से देखने के साथ सभी को सामान्य रूप से कार्य करने का मौका भी दिया जाता है। तभी तो भारत के सबसे सर्वोच्च पद जाकिर हुसैन, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, जैसे राष्ट्रभक्त राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए। इसके साथ ही क्रिकेटर मोहम्मद अजहरूद्दीन ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में देश का प्रतिनिधित्व किया।

लेकिन बहुत ही विडंबना की बात है कि सत्ता सुख के लिए आधुनिक परिपेक्ष के राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह के जहर उगले जा रहे हैं। यह आने वाले समय के लिए अच्छे संकेत नहीं दिखते।

Share this Article
Leave a comment

Leave a Reply

You cannot copy content of this page