दर्शन मन का व्यायाम है भारतीय दर्शन के विचार एवं विशेषताएँ आज की है आवश्यकता ,डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी

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गया मगध विश्वविद्यालय, बोधगया अन्तर्गत शिक्षा विभाग के राधाकृष्णन सभागार में दर्शन शास्त्र विभाग के द्वारा आईक्यूएसी के तत्वावधान में त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन सत्र आयोजित किया गयाl कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगीत से हुआ तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्र सह स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस संगोष्ठी को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् के द्वारा अनुदान प्रदान किया गया है।

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समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप आईसीपीआर के पूर्व प्रमुख प्रो आर सी सिन्हा जी ने कहा कि इस तरह के आयोजन दर्शन की परम्परा के प्रचलन के लिए आवश्यक हैं। मुख्य अतिथि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची के कुलपति माननीय प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि दर्शन मन का व्यायाम है।

भारतीय दर्शन के विचार एवं विशेषताएँ आज की आवश्यकता है। भारत विश्वगुरु था क्योंकि उसकी शिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का समावेश था। उन्होंने कहा कि विश्व की शाश्वत व्यवस्था में हमें विश्वास करना चाहिए।

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इससे पूर्व मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज के सचिव शबी अर्फ़ीन शमशी ने सुंदर आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं l डॉ उषा विद्यार्थी, प्रभारी प्राचार्या, महिला कॉलेज, खगौल, पटना ने माननीय कुलपति महोदय के प्रति आभार प्रकट किया कि उनके मार्गदर्शन में दर्शन शास्त्र विभाग द्वारा इतने सफ़ल कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति प्रो एसपी शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण पहले से बेहतर हुआ है l एक वर्ष में 72 परीक्षाएँ संपन्न हुई हैं।

मई तक सभी सत्र नियमित हो जायेंगे और इस वर्ष के अंत तक मगध विश्वविद्यालय के प्रांगण में विराट् कार्यक्रम ‘मगध एन्क्लेव’ का आयोजन प्रायोजित है।

सितंबर में मगध लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन भी मगध विश्वविद्यालय में किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों के सहयोग से विश्वविद्यालय निश्चय ही बिहार के विश्वविद्यालयों में सबसे अच्छा एवं आगे रहेगाl

कार्यक्रम का संचालन एवं संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुति डॉ शैलेंद्र सिंह ने किया तथा स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष प्रो जावेद अंजुम ने कियाl

इसके अतिरिक्त संगोष्ठी के तीसरे दिन प्रात: दो तकनीकी सत्र आयोजित किये गए। इन तीन दिनों में लगभग तीन सौ से अधिक शोध पत्र पढ़े गए। लगभग 100 शोध पत्र आनलाइन माध्यम से संचालित सत्रों में पढ़े गए।धन्यवाद ज्ञापन मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो समीर कुमार शर्मा जी ने किया।

सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं किट वितरित किये गए।कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से हुआ l कार्यक्रम में मगध विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।

इसके पूर्व द्वितीय दिवस की संध्या पर मन्नू लाल केन्द्रीय पुस्तकालय के सभागार में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय की छात्राओं ने बिहार की परंपरागत नृत्य प्रस्तुति की l साथ ही बाहर से आये कलाकारों द्वारा अनेक प्रस्तुतियां, कथक नृत्य, ग़जल गायन, काब्यपाठ आदि कार्यक्रम आयोजित हुए।

सांस्कृतिक संध्या में श्री अनिरुद्ध कुमार तथा उनकी पुत्री सुविज्ञा ने कथक नृत्य की प्रस्तुत की lश्री पप्पू कुमार ने वायलिन की प्रस्तुति की एवं श्री महेश लाल ने ख़याल तथा ठुमरी गायन किया l रिया कुमारी, प्रिया कुमारी तथा मोहम्मद राज द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई हैl श्री दिनेश कुमार महुआर द्वारा तबला पर तथा श्री सर्वोत्तम कुमार द्वारा हारमोनियम पर संगत दी गई।

सांस्कृतिक संध्या के आयोजन पर मंच संचालन डॉ मीनाक्षी तथा डॉ एकता वर्मा ने किया।

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