शहर की सामाजिक संस्था जनेश्वर विकास केंद्र एवं साहित्य संवाद के द्वारा विश्व कविता दिवस का समारोह पूर्वक आयोजन किया। समारोह अधिवक्ता संघ भवन में डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता एवं साहित्य संवाद के संयोजक लालदेव प्रसाद के संचालन में सम्पन्न हुआ।
सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया। आगत अतिथियों का स्वागत सत्यचंडी महोत्सव अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने किया।तत्पश्चात ‘रंगोत्सव के आलोक में श्रृंगार साहित्य ‘विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का विषय प्रवेश यादव कालेज के हिन्दी प्रो डा राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कराते हुए कविता के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला और मगही कविता गाकर लोगों की तालियां बटोरीं। मुख्य अतिथि चाणक्य परिषद के अध्यक्ष रामानुज पांडेय, प्रो डा रामाधार सिंह, कवि रामकिशोर सिंह, लवकुश प्रसाद सिंह , उज्जवल रंजन ने कविता दिवस पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि कविता की जन्मभूमि भारत है।
यहां गोस्वामी तुलसीदास, कालीदास, बाल्मीकि भारतेंदु हरिश्चंद्र, आदि महान कवि हुये । ये लोग कविता को इतनी उंचाई दिया है कि बाकि को वहां तक पहुंचना असंभव है । इनके अलावा जनेश्वर विकास केंद्र के अध्यक्ष रामजी सिंह, पूर्व मुखिया अशोक सिंह अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह , समाजसेवी आदित्य सिन्हा ने भी कविता के श्रृंगार पक्ष पर प्रकाश डाला और होली गीत गाकर माहौल को होली मय कर दिया।
अंत में अध्यक्षीय भाषण देते हुवे डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि कविता आत्मा के सौन्दर्य का शब्द रूप है । कविता एक संबंध सेतु है ,एक सशक्त माध्यम है जो लोगों में आपसी समन्वय और आत्मीय रिस्ते को विस्तृत फलक प्रदान करती है ।विश्व कविता दिवस के उपलक्ष मे कवि रामानुज पांडेय, रामकिशोर सिंह, कालिका सिं, लव कुश प्रसाद सिंह एवं रामाधार सिंह को अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।
आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने प्रस्ताव दिया कि कवियों और साहित्यकारों को मंच प्रदान करने के लिए सुविधा संपन्न पुस्तकालय की व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन से मांग की जाये जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
कार्यक्रम में अधिवक्ता विनोद मालाकार, रामस्वरूप प्रसाद, रामाश्रय पांडेय, गिरजेश नारायण सिंह, दया पात्र सिंह , मुरलीधर पांडेय अभियंता विंग के संयोजक धिरेन्द्र सिंह , समाजसेवी प्रमोद कुमार सिंह आदि बुद्धिजीवियों की गरिमामयी उपस्थिति बनी रही।