औरंगाबाद।अपने बयानों से लगातार चर्चे में आए डेहरी के राजद विधायक ने एक बार फिर मां सरस्वती पर आपत्तिजनक टिपण्णी कर सियासी बबाल मचाने की पृष्ठभूमि तैयार कर दी।शुक्रवार को दाउदनगर आए फते बहादुर ने एक प्रेसवार्ता में मां सरस्वती के बारे में आपत्तिजनक बयान दे डाला।
उन्होंने कहा कि सरस्वती को सनातनी ग्रंथों में ब्रह्मा की पुत्री कहा जाता है।लेकिन ब्रह्मा ने उसी से शादी की।उन्होंने उनकी पूजा पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि पूजा चरित्रवान की होनी चाहिए चरित्रहीनों की नही।इससे बढ़िया है कि सभी विद्यालयों में सरस्वती की जगह मां सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगनी चाहिए और उन्ही की पूजा और प्रार्थना भी होनी चाहिए।
श्री सिंह ने इसी क्रम में उन्होंने ने भारत सरकार से उनके लिए भारत रत्न की मांग भी कर दी।क्योंकि मां सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका थी और महिला शिक्षा में उनके द्वारा किए गए कार्यों को भुलाया नही जा सकता।
आज महिला दिवस भी उन्ही के नाम पर होना चाहिए।जब फते बहादुर से यह पूछा गया कि कांग्रेस साठ वर्षों तक शासन किया तो उनके शासनकाल में क्यों नहीं सावित्री बाई फुले को भारत रत्न दिया गया।सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया और कहा कि भाजपा की तरह कांग्रेस भी मनुवादी प्रवृति की है और इन दोनो पार्टियों पर सवर्णों एवं मनुवादियों की पकड़ रही है। जिसके कारण उन्हें भारत रत्न नही दे सकी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर भी फते बहादुर ने जुबानी प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा में आकर ब्राह्मणों की अधीनता स्वीकार कर ली है।