पटना। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जेडीयू ने मुहिम छेड़ दी है। शनिवार को एकबार फिर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता अपनी पूरी टीम के साथ मीडिया के सामने आए और स्पेशल स्टेटस का फिर से राग अलापा। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर तीखा निशाना साधा।
ब्रिटिश काल से ही बिहार से भेदभाव
मीडिया से रू-ब-रू होते हुए जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा का मुद्दा बेहद अहम है। कुछ राज्यों को स्पेशल कैटेगरी मिला है तो कुछ विशेष श्रेणी में भी आते हैं। वे बीजेपी से पूछना चाहते हैं कि आखिर ब्रिटिश काल से ही बिहार से भेदभाव क्यों किया गया। 1977 से ही अन्य राज्यों की तुलना में बिहार को कम राशि मिलती रही है। बंगाल को 300 रुपये और बिहार को सिर्फ 100 रुपये मिलते थे।
PM का गुजरात मॉडल फेल’
इसके साथ ही जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी से सवाल है कि वे ना स्पेशल कैटेगरी देते हैं और ना विशेष अधिकार देते हैं। पीएम गुजरात मॉडल की बात करते थे, जो फेल हो गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार के 28 जिले बाढ़ और सुखाड़ से प्रभावित हैं तो विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिलेगा? स्पेशल स्टेटस और स्पेशल कैटेगरी क्यों नहीं देते हैं?
‘बिहार के साथ हो रहा पक्षपात’
जेडीयू प्रवक्ता ने दो टूक अंदाज में कहा कि बिहार के साथ पक्षपात हो रहा है। बिहारीपन का बोध होना चाहिए, जो बीजेपी में नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रावधान है कि जो पिछड़ा है, उसे अधिकार मिलता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी से जानना चाहते हैं कि अगर वे जातीय गणना का श्रेय ले रहे हैं तो स्पेशल स्टेटस पर क्यों नहीं बोलते हैं?
उन्होंने रघुराम राजन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में कई प्रदेश आज भी पिछड़े हैं। संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करेंगे या नहीं? आरक्षण की सीमा को हमने बढ़ाया है। भारतीय जनता पार्टी ये सुनिश्चित करे और संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाए।