कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल्य काल की बीमारियों का पता लगाना सभी चिकित्सा एवं एएनएम रहे मौजूद
औरंगाबाद।सदर अस्पताल स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किशोर कुमार की अध्यक्षता में आहूत की गई. इस दौरान जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत चलंत चिकित्सा दलों के चिकित्सकों एवं एएनएम ने हिस्सा लिया।
समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि चालू वर्ष में जुलाई से लेकर सितंबर तक स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुल तिरासी हजार नौ सौ बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई है. इस दौरान इस दौरान छः हजार दो सौ पचपन बच्चे बीमार पाए गए. बीमार बच्चों में बासठ बच्चे हृदय रोग से ग्रसित पाए गए. हृदय रोग से ग्रसित तेरह बच्चों को अहमदाबाद एवं पटना स्थित उच्च हृदय रोग संस्थानों में भेज कर मुख्यमंत्री हृदय सुरक्षा योजना के तहत इलाज कराया गया. स्वास्थ्य जांच के क्रम में चार सौ पंचानवे बच्चे डेवलपमेंट डिले अर्थात धीमी शारीरिक विकास के पाए गए.एक सौ उन्नीस बच्चों में बर्थ डिफेक्ट पाया गया।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत फ़रवरी 2013 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल्य काल की बीमारियों का पता लगाना और उनका इलाज करना है. विशेषकर नवजात शिशुओं की उच्च मृत्यु दर को नियंत्रित करना है।जिले के सभी प्रखंडों में कुल अठारह चालान चिकित्सा दल कार्यरत है जो कार्य योजना के अनुसार स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केदो में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच करते हैं. जिन बच्चों में किसी प्रकार की बीमारी पाई जाती है उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,सदर अस्पताल अथवा उच्च स्वास्थ्य संस्थान में भेज कर विशेष जांच एवं इलाज कराया जाता है।
इस क्रम में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा मोबाइल हेल्थ टीम के चिकित्सकों को आदेशित किया गया कि प्रत्येक टीम प्रतिदिन कम से कम अस्सी बच्चों का स्क्रीनिंग करें तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करें. समीक्षा बैठक के दौरान डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला सलाहकार (आरबीएसके) नीलम रानी सहित अन्यान्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।