औरंगाबाद।राजद जिला प्रवक्ता डॉ. रमेश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि केंद्र सरकार के इसारे पर एनसीईआरटी समिति द्वारा पाठ्यक्रम में इंडिया के बदले भारत लिखा जाने की अनुशंसा करना काफी दुःखद है।यह केंद्र सरकार की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। देश में जब विपक्ष गोल बंद होकर इंडिया के बैनर तले केंद्र की सरकार को सत्ता विहीन करने की तैयारी कर चुके हैं तो केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार विपक्ष की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर अनाप-शनाप निर्णय लेने के लिए एनसीईआरटी की समिति को दबाव डाल रहा है।
पूरे विश्व में इंडिया के रूप में इस देश को जाना जाता है जो भारत ही है जी 20 शिखर सम्मेलन के आमंत्रण पत्र जो राष्ट्रपति के द्वारा भेजा गया था उसमें भी इंडिया के जगह भारत का प्रयोग हुआ। जो हास्यास्पद पद लग रहा था।पूरे देश नहीं दुनिया के लोग इस बात से भली-भांति अवगत हैं कि केंद्र की सरकार 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर लिया है। अपना राजनीतिक स्वार्थ के लिए एनसीईआरटी कमेटी के द्वारा पाठ्यक्रम में इंडिया की जगह भारत रखना बेहद निंदनीय है। विश्व स्तर पर भारत को इंडिया के रूप में ही जाना जाता हैं। केंद्र सरकार एक तरह की नई नौटंकी शुरू कर दी है केंद्र सरकार जनता के बीच अपना विश्वास खो चुकी है। केंद्र सरकार अपना जन आधार खो चुकी है।
देश की जनता यह समझ रही है की 9 वर्षों के बाद चुनाव के समय इंडिया की जगह भारत देश का नाम सब जगह पुस्तकों में रखने की कौन सी मजबूरी पड़ गई। सैकड़ो वर्षों से जो हमारे देश का नाम के संबोधन के लिए इस्तेमाल होता आया है वह लोगों के मन मस्तिष्क में हमेशा गूंजता रहेगा पूरे विश्व में इंडिया ही कहेंगे और सुनेंगे भी और समझेंगे भी। इंडिया और भारत से कोई फर्क नहीं पड़ता। विश्व की अंतर्राष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी में भारत को इंडिया ही कहते हैं। केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार बेवजह इस मामले को तूल दे रही है।
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