संत श्रीविज्ञान देव जी महाराज के जन्मोत्सव पर अनुयायियों ने किया 40 यूनिट रक्तदान

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औरंगाबाद।जगदेव नगर स्थित सदगुरू सदाफल देव आश्रम परिसर में शनिवार को प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी संत प्रवर श्रीविज्ञान देव जी महाराज के पावन जन्मोत्सव पर रक्तदान शिविर जिला सचिव उमेश प्रसाद सिंह और संयोजक अनुज प्रसाद के देखरेख में आयोजन किया गया। राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मानित वैदिक पुरोहित आचार्य मयंक शास्त्री ने बताया कि संत प्रवर श्री विज्ञान देव महाराज के जन्मदिन पर विश्वव्यापी रक्तदान शिविर लगाया जाता है।

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भारत के 24 राज्यों के लगभग 165 स्थानों पर एक साथ–एक, समय–एक दिन, लगभग 6 हजार की संख्या में रक्तवीरों ने अपनी रक्त की सेवा प्रदान किया है। वही औरंगाबाद में इस रक्त दान कार्यक्रम में डेहरी ऑन सोन स्थित बोस क्लिनक ब्लड बैंक के बीएमएलटी सरफराज आलम,नागराज नृपेंदू, करण कुमार, अर्चना कुमारी एवं उनके टीम के सहयोग से लगभग 40 यूनिट रक्त का संग्रहण किया गया। जिसमे बताया कि उत्तर प्रदेश बलिया जिला स्थित महर्षि सदाफल देव आश्रम मिड्ढा में विगत कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी व्यापक शिविर का पहला रक्तदान स्वयं अपने जन्मोत्सव पर संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज ने ही किया।

संत प्रवर का कहना है कि जन्मोत्सव पर रक्तदान करना एक उतम भलाई कार्य है। दुःखियों का दुख कैसे कम हो यही श्रेष्ठ चिंतन है। एक यूनिट रक्तदान से तीन लोगों की जान बचायी जा सकती है। रक्त चढ़ाने की आवश्यकता बार बार पड़ती है। दुर्घटनाओं, ऑपरेशन, रक्तस्राव आदि में रक्त की पूर्ति से ही जीवन बचाया जा सकता है। रक्त किसी लैब में निर्मित नहीं हो सकता बल्कि यह मानव शरीर मे ही निर्मित होता है। योगी ही उपयोगी होता है, जो सबके हित का चिंतन करता है, दुःखियों के दुख को कम करता है। उन्होंने कहा कि संतो का जीवन परमार्थ के लिए ही होता है। हम अपने लिए नहीं, अपनों के लिए जीते हैं। मात्र अपने स्वयं के लिए जीवन बिता देना भारतीय संस्कृति का संदेश कभी नहीं रहा है। मानव जीवन अत्यंत अमूल्य है।

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हमारे थोड़े से रक्तदान से एक जीवन बच सकता है। एक यूनिट ब्लड से तीन या चार लोगों की जान बचाया जा सकता है। हमारा विहंगम योग संस्थान मात्र आध्यात्मिक ही नहीं, सामाजिक संगठन भी है। इस दौरान जिला सहसंयोजक दिनेश यादव, उपदेष्टा रामनारायण सिंह,विनोद बर्मा, लालमोहन प्रजापति, गोविंद सोनी,दामोदर सिंह,उषा देवी,लव सिंह,डा.प्रकाश कुमार, लालमोहन प्रजापति,उमाशंकर विश्व कर्मा,परमेश्वर मेहता,आलोक कुमार, आदर्श कुमार के साथ कई लोग मौजूद रहे।

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