ऐतिहासिक रानी तालाब में पारंपरिक ढ़ोल नगाड़ा बजाकर माँ अगले वर्ष तू जल्दी आना का जयघोष कर माता क़ो विदाई की गयी 

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औरंगाबाद। सूर्य नगरी देव में धर्म के प्रति आस्था युवा वर्गो में दिन पर दिन बढ़ रही है। जिसके कारण इस पौराणिक नगरी में बहुत ही भव्य रूप से सूर्य मंदिर के समीप बाल मंडली, बरई बीघा व सूर्य कुड तालाब में मैं माँ दुर्गा का नवरात्र इस बार भव्य रूप से आयोजन किया गया। बाल मंडली द्वारा सूर्य मंदिर से लेकर लाल चौक होते हुए पुरे बाजार में लाइट के द्वारा साज सज्जा किया गया था। वहीं बरई बीघा के युवा भी अपनें पूजन स्थल से लेकर सूर्य मंदिर के उत्तर गेट तक साजसज्जा किये थे।

सूर्य कुंड तालाब पर अवस्थित जय माँ दुर्गा कमिटी के द्वारा रखी गई प्रतिमा पुरी तरह से जीवंत लग रही थी

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तीनों कमिटीयाँ नित्य प्रतिदिन श्रद्धालुओं के भव्य भंडारा का आयोजन किया गया था। विजयादशमी के दिन बाल मंडली व बरई बीघा व नया बाजार की प्रतिमा का विसर्जन जुलुश निकालकर किया गया जिसमें समाजसेवीयों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं विजयादशमी के एक दिन बाद प्रत्येक वर्ष की भाँती सूर्य कुंड तालाब अवस्थित प्रतिमा का विसर्जन अलग से जुलुस निकालकर किया गया।

ग्रामीण क्षेत्र से माता का दर्शन करने आये हुए श्रद्धालुओं ने कहा माता तेरे चरणों मे भेंट हम चढ़ाते हैं कभी नारियल तो कभी फूल चढ़ाते हैं और झोलियों भर भर के तेरे दर से लाते हैं. सभी प्रतिमा का विसर्जन करने के लिये देव के ऐतिहासिक रानी तालाब में करने के लिये लाया गया।

उसके बाद भक्तगण फूल, अक्षत, सिंदूर, धूप, नैवेद्य, फल आदि से मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा कर आरती कियें और पारंपरिक ढोल- नगाड़ों को बजाकर मां दुर्गा को रानी तालाब में कोर पर लाया गया। वहां देव वासियों नें मां दुर्गा को विदा कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगें और अगले साल उनको फिर आने के लिए कहें उसके बाद जयकारे के साथ मां दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित किया गया।

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