औरंगाबाद।जिले में सोमवार को सिविल कोर्ट औरंगाबाद के एडिजे सात सुनील कुमार सिंह की अदालत ने कासमा थाना कांड संख्या 33/21 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए कांड के अभियुक्त कासमा निवासी ओपू रजक को भारतीय दण्ड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास और पचीस हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त ओपू रजक को उम्रकैद की सजा सुनाई है।अभियुक्त को 12 अक्टूबर 2023 को वाद के निर्णय पर दोषी ठहराया गया था। जबकि इस मामले में एक अन्य अभियुक्त मालती देवी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था। अधिवक्ता ने आगे बताया कि प्राथमिकी सूचक उमेश रजक हकीमचक रफ़ीगंज ने 24 अप्रैल 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि अभियुक्तों ने उसकी बेटी और नतिनी को ससुराल में दहेज के लिए जलाकर मार डाला गया।
जबकि इस मामले में घटना से 14 दिन पहले महिला हेल्पलाइन में समझौता कराकर ससुराल भेजा गया था। बेटी नीलम की शादी 2013 मे ओपू रजक से की थी।शादी के बाद पैसा और बाइक की मांग अभियुक्तों द्वारा की जाती थी। पुलिस ने घटना के दुसरे दिन ही अभियुक्तों को गिरफतार किया था।