निरीक्षण के क्रम में उद्यानिक फसले देखकर जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने प्रसन्नता की जाहिर।

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कहा कृषकों को जैम, जेली, मुरब्बा बनाने की प्रषिक्षण की व्यवस्था की जाए।

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औरंगाबाद।जिले में रविवार को देव प्रखण्ड, दुलारे पंचायत, ग्राम-तेन्दुई सरौरा एवं बारा में जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री (भा॰प्र॰से॰) के द्वारा देव प्रखण्ड के रामपुर बरण्डा में उद्यान विभाग के योजनाओं का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होने अमरूद की नवीनतम् प्रभेद (रेड ताईवान, भी.एन.आर.-वीही पपीता-रेड लेडी, इत्यादी) उद्यानिक फसल को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। कृषकों के द्वारा सामूहिक रूप से परती एवं बेकार पड़े भुमि पर लगभग 150 एकड़ भूमि लिज/पट्टा पर लेकर कृषक समूह बनाकर उद्यानिक फसलों की खेती कर रहें है। सर्वप्रथम जिला उद्यान पदाधिकारी, डा॰ श्रीकांत उद्यान विभाग की योजनाओं से जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया। कृषको को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत् सामूहिक नल-कूप के साथ ड्रिप सिंचाई पद्धति का लगभग 250 एकड़ में अधिष्ठापन 90 प्रतिषत अनुदान पर किया गया है। तत्पष्चात् ही यह अमरूद, पपीता, मौसमी एवं अन्य उद्यानिक फसलों को करना संभव हुआ।

कृषकों के द्वारा लगभग 55 एकड़ में ताईवानी रेड पिंक अमरूद की खेती, 10 एकड़ में मौसमी की खेती, रेड लेडी पपीता एवं अन्य उद्यानिक फसल जैसे कटहल, जामुन, चिकू, की खेती कर रहें है। साथ ही 50 एकड़ में सब्जी की ख्ेाती आधुनिक तरिके से टपक सिंचाई विधि (ड्रिप) के द्वारा हो रहा है। उद्यानिक फसलों को जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा देख कर एवं किसानों से वार्तालाप कर बहुत उत्साहित हुए एवं प्रसंषा किये। कृषकों से वार्तालाप करने पर पपीता की खेती करने के पश्चात् बिक्री की समस्या होने पर उसे प्रसंस्कृत कर मुल्य संवर्धन करने का सलाह दिया गया साथ ही प्रसंस्करण यूनिट लगाकर उसे मूल्य सवंर्धित किया जाय जिससे किसानों के उत्पादों को उचित मूल्य स्थानिय बाजार/अन्य बाजारों में विपणन कर अच्छा मुनाफा हो सकें।

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कृषकों के द्वारा बताया गया कि इस पहाड़ी इलाके में बेकार जमीन को ड्रिप सिंचाई पद्धति के माध्यम से ही उद्यानिक फसलों की खेती संम्भव हो सका, जिसमें जिला उद्यान कार्यालय का अहम भुमिका रहा। इस पहाड़ी इलाके में कृषकों के द्वारा इस तरह की व्यवसायिक खेती कर अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित कर रहे है। जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को कहा गया कि आत्मा के द्वारा इन कृषकों को जैम, जेली, मुरब्बा बनाने की प्रषिक्षण की व्यवस्था की जाय, कृषि टास्क फोर्स की बैठक में उद्योग विभाग के पदाधिकारी एवं कार्यापालक अभियंता विधुत को भी बुलाया जाय जिससे किसानों को सिंचाई हेतु विधुत कनेक्सन एवं उद्योग विभाग से प्रसंस्करण उद्योग लगाने हेतु वित्तीय सहायता किसानों को मिल सकें। जिला पदाधिकारी के क्षेत्र भ्रमण से किसानों में उद्यानिक फसलों के प्रति काफी उत्साह हैं। किसानों के द्वारा आगे भी उद्यानिक फसलों को बढ़ावा देने को अभिरूची जाहिर की गई। इस अवसर पर उद्यान विभाग के सहायक निदेषक उद्यान डाॅ॰ श्रीकांत, जिला कृषि पदाधिकारी, रामेष्वर प्रसाद, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी, देव, कृषि समन्वयक , श्री मोहन कुमार, कृषक सत्येन्द्र मेहता, अविनाष कुमार, धंजनय कुमार, एवं अन्य कृषक उपस्थित थे।

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