सदर अस्पताल में मौत के बाद मृतक का आ गया दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृतक के परिजन का आरोप, उपाधीक्षक ने कहा होगी जांच

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औरंगाबाद: मौत के बाद दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से एक बार फिर सदर अस्पताल अपने अजीबोगरीब कारनामे के लिए चर्चे में है. इन्ही कारनामों के कारण कई बार हंगामे और तोड़फोड़ की घटनाओं का गवाह भी बना है. इसके बावजूद भी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है. बात करे तो आम तौर पर लोगों के द्वारा यह चर्चा हमेशा सुनी जाती थी की इंज्यूरी रिपोर्ट या पोस्टमार्टम के रिपोर्ट पैसे के बल पर या किसी खास व्यक्ति के प्रभाव में बदल दिए जाते है. लेकिन ये बाते सिर्फ सुनी सुनाई में होती थी इसका कही कोई साक्ष्य नहीं मिलता था. मगर सदर अस्पताल से एक ही व्यक्ति के मौत की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है वह बेहद ही चौकाने वाली हैं.

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मृत व्यक्ति के दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संबंधित क्या है मामला: औरंगाबाद जिले के रफीगंज कासमा रोड स्थित संत माइकल स्कूल के छात्रावास के नीचे स्थित एक कमरे से 12 जून की सुबह एक व्यक्ति की लाश मिली थी. इस मामले में मृतक के भाई द्वारा रफीगंज थाने में विद्यालय के संचालक पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी दर्ज प्राथमिकी में मृतक के भाई रिसियप थाना क्षेत्र के विशनपुर निवासी मदन कुमार सिंह ने बताया था कि उनके भाई बबन कुमार सिंह जो अपने बेटे सूर्य प्रकाश को संत माइकल स्कूल में पढ़ाते थे और अपने बेटे की देख रेख के लिए विद्यालय के छात्रावास के नीचे ही एक कमरा किराए पर लेकर रहते थे.

निजी विद्यालय के बंद कमरें में हुई थी मौत: दिए गए प्राथमिकी में यह जिक्र किया हुआ था कि उन्हें 12 जून को यह सूचना मिली कि उनके भाई की मौत हो गई है. सूचना पर पहुंचकर जब देखा तो पाया कि उनके भाई कमरे में मृत अवस्था में पड़े हुए थे और उनके नाक तथा मुंह से काफी खून निकला हुआ था. साथ ही साथ शरीर पर भी गंभीर चोट के निशान दिखाई पड़े। मृतक के भाई मदन कुमार सिंह ने अपने द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में बताया था कि उनके भाई का विद्यालय संचालक विजय कुमार सिंह के साथ पैसे के लेनदेन के कारण कुछ दिनों से विवाद चल रहा था. क्योंकि विद्यालय संचालक द्वारा उनके भाई के घर और जमीन का रजिस्ट्री कराया गया था, जिसका पैसा स्कूल संचालक पर बकाया था.

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बकाए पैसे की मांग को लेकर भाई के द्वारा तकादा किया जा रहा था. परंतु संचालक विजय कुमार सिंह पैसा नहीं दे रहे थे. इधर कुछ दिनों से वह पैसा ना मांगने की बात कहते हुए मेरे भाई की हत्या करने की धमकी भी दे डाली थी. ऐसी स्थिति में उन्हें पूरा विश्वास है कि स्कूल संचालक ने ही उनके भाई की हत्या की है.

कहा कि स्कूल संचालक पैसे वाले और काफी रसूख वाले थे इसलिए मृतक के परिजन न्याय के लिए इधर उधर भटकने लगे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट न बदले इस पर भी निगाह बनाने लगे. मदन कुमार सिंह को जब अपने भाई की मौत की पोस्टमार्टम हाथ लगी तो यह संतोष हुआ कि अब न्याय मिल जाएगा. इसको लेकर वह थानाध्यक्ष से आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे.

इधर हाल के ही दिनों में जब मृतक के भाई को थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या से संबंधित कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है तो इन्हे काफी आश्चर्य हुआ और जब रिपोर्ट देखा तो पाया कि उन्होंने अपने भाई की मौत से संबंधित जो रिपोर्ट प्राप्त की थी वह बिल्कुल बदला हुआ है.

मृतक के भाई के द्वारा प्राप्त पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु भूख से और व्यक्ति को कमरे में दबाव में रखना के कारण लू लगने और डिहाइड्रेशन से हो गई यह वर्णित था. जबकि दूसरी रिपोर्ट मृतक की मृत्यु भूख, लू और डिहाइड्रेशन के कारण हुई बताया गया था. रिपोर्ट बदल जाने के कारण उन्हें अब न्याय मिलने की उम्मीद समाप्त हो गई और एक बार फिर मृतक का परिवार इसको लेकर दर दर भटकने को मजबूर है.

इधर इस संबंध में जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार से बात की तो उन्होंने पहले तो आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी मांगी और कहा कि इसकी जांच की जाएगी और यदि ऐसा किसी के द्वारा भी किया गया होगा तो कार्रवाई की जाएगी.

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