औरंगाबाद। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रविवार को शहर के दानी बिगहा स्थित सर्किट हाउस पहुंचे जहां उन्होंने बिहार की बिगड़ती शासन व्यवस्था पर जमकर प्रहार किया।उन्होंने प्रदेश के बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रोम जल रहा और नीरो चैन की बंशी बजा रहा था। वही स्थिति बिहार की भी हो गई है।
राजद से गठबंधन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोचने और समझने की शक्ति चली गई है। श्री कारण है कि यहां पुलिसकर्मी की हत्या हो रही है। पत्रकार को गोली मारकर ठिकाने लगा दिया जा रहा है। बेटे की हत्या के एकमात्र गवाह को गोली से मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। यानि यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। मगर इतना सब होने के बाद भी मुख्यमंत्री जी चुप है।उनकी आवाज बंद हो गई है।
पूर्व सीएम ने कहा कि बिहार में 1700 करोड़ की लागत से बन रहा पुल उद्धाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। मगर अभी तक उस मामले में कोई कारवाई नही हुई। इस हादसे के बाद यहां व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़े कितनी मजबूत है। प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने शराबबंदी पर भी प्रहार किया उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले साढ़े तीन लाख लोग जेल में बंद थे और अब यह संख्या बढ़कर पांच लाख हो गई।इनमे अधिकतर महादलित परिवार के सदस्य है।जो मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन किया करते हैं।
गिरफ्तारी के बाद उनका परिवार काफी संकट में आ गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब वे नीतीश जी के साथ थे तो कहा था कि शराबबंदी अच्छी बात है।मगर इसके नाम पर जो नौटंकी हो रही है वह बंद होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से टूरिज्म प्रभावित हुआ है।बोधगया के अधिकतर होटल संकट में है क्योंकि विदेशी पर्यटक यहां आने के बाद शराब नहीं मिलने से बनारस चले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है और उनके कारण ही भारत का पताका पूरे विश्व में फहरा रहा है।प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इस बात को लेकर गर्व हो रहा है कि देश का नेतृत्व एक मजबूत हाथों में है और ऐसा इसलिए कि आजादी के बाद अभी तक कोइ ऐसा प्रधानमंत्री नही आया।जिसको किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष ने पैर छूकर अभिवादन किया हो। आज देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है।
पूर्व सीएम ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के सुखा प्रभावित जिलों के हवाई सर्वे पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि उनके द्वारा यह हवाई सर्वे अपने आनंद के लिए किये जा रहे है। किसानों की हालत अगर समझते तो इसका उपाय पहले ही करते।समाधान धरातल पर होना चाहिए न कि हवा हवाई।
पूर्व सीएम औरंगाबाद की एसपी के व्यवहार से भी काफी क्षुब्ध नजर आए और अपनी नाराजगी व्यक्त की।उन्होने कहा कि उन्हें लोगों की शिकायत किसी मामले में मिली थी और उसके निराकरण के लिए जब एसपी को फोन किया तो उनके द्वारा जिस लहजे में बात की गई वह लहजा सही नही था।अब सोचा जा सकता है कि अफसरशाही कितनी चरम पर है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री सदर प्रखंड के पोईवां गांव में नगर परिषद द्वारा कचरा फेंकने की शिकायत पर औरंगाबाद आए थे और इस संबंध में डीएम से बात भी की और इस समस्या के समाधान पर चर्चा की।