औरंगाबाद। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बढ़ रहे तनाव के बीच टीआरपी की होड़ में सेना तथा सैन्य आपरेशन से जुड़ी अपुष्ट खबरें दिखाने की टीवी न्यूज चैनलों की कवरेज को लेकर केंद्र सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने रविवार को केंद्र से जारी की गई एडवाइजरी को मीडिया के साथ साझा किया है।
जिलाधिकारी द्वारा साझा किए गए एडवाइजरी के अनुसार रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का लाइव कवरेज न दिखाने को कहा है। सरकार के साथ ही सेना ने भी मीडिया से जिम्मेदारी के साथ काम करने का अनुरोध करते हुए ऐसी सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण से बचने की सलाह दी है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता होता हो।
न्यूज कवरेज के दौरान सख्ती से हो नियमों का पालन
कानूनों का सख्ती से पालन करने को कहा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी मीडिया प्लेटफार्म, न्यूज एजेंसी, और सोशल मीडिया यूजर्स बहुत जिम्मेदारी से काम करें। वे रक्षा और सुरक्षा बलों से संबंधित मामलों की रिपोर्टिंग करते वक्त मौजूदा नियम कानूनों का सख्ती से पालन करें।
सरकार ने कहा है कि विशेष रूप से रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की आवाजाही से जुड़ी सूत्रों पर आधारित रियल टाइम कवरेज न की जाए। सरकार ने कहा है कि संवेदनशील सूचना के प्रिमेच्योर खुलासा सुरक्षा बलों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है और अभियान के प्रभाव को भी प्रभावित कर सकता है।
जिक्र मुंबई हमले का भी
इस एडवाइजरी में पुरानी घटनाओं जैसे कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकी हमला (26/11) और कंधार विमान अपरहण की घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि कैसे अनियंत्रित कवरेज से गैर इरादतन राष्ट्रहितों पर बुरा प्रभाव पड़ा था। सरकार ने कहा है कि मीडिया, डिजिटल प्लेटफार्म, और व्यक्ति राष्ट्र की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सुनिश्चित हो नैतिक जिम्मेदारी
सरकार का कहना है कि कानूनी दायित्व के अलावा ये हमारी साझा नैतिक जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि हमारी कोई कार्रवाई सुरक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों के चल रहे आपरेशनों से समझौता न करे। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने पहले ही केबल टेलीवीजन नेटवर्क संशोधन नियम 2021 के तहत सभी टीवी चैनलों को एडवाइजरी जारी की थी।
एक अपील लाइव कवरेज न करने की
इसका नियम 6 (1)(पी) कहता है कि केबल सर्विस से कोई भी ऐसा कार्यक्रम नहीं चलाया जाएगा जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज होगा। उस अभियान के समाप्त होने तक मीडिया कवरेज जिम्मेदार अधिकारी की ब्रीफिंग तक सीमित रहेगा।
एडवाइजरी में कहा गया है कि ऐसा प्रसारण केबल टेलीवीजन नेटवर्क संशोधन नियम 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे राष्ट्रहित में आतंकवाद विरोधी अभियान और सुरक्षा बलों की आवाजाही का लाइव कवरेज न करें। उस अभियान के समाप्त होने तक मीडिया कवरेज आधिकारिक अधिकारी की ब्रीफिंग तक नियंत्रित हो।
राष्ट्रहित में संवेदनशीलता के साथ बरतें सतर्कता
सरकार ने मीडिया से राष्ट्रहित में संवेदनशीलता के साथ सर्तकता के साथ काम करने की सलाह दी है। वहीं सेना ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि कुछ मीडिया हाउस ने हाल ही में सैन्य व्यवस्था, इकाई-संरचनाओं के नाम, रणनीति, सैन्य विकल्प और भू-भाग विश्लेषण सहित विशिष्ट सैन्य पहलुओं पर चर्चा की है।
जबकि जनता को सूचित रखने के लिए राष्ट्रीय रणनीति और सुरक्षा दृष्टिकोण पर व्यापक चर्चा समझ में आती है, लेकिन यह ऑपरेशनल संवेदनशीलता का उल्लंघन करने की कीमत पर नहीं होना चाहिए। इसलिए मीडिया को सलाह दी जाती है कि वे पूरी जिम्मेदारी निभाएं और ऐसी सामग्री की मेजबानी, प्रकाशन या भागीदारी से बचें जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर सकती है।