विजय दिवस के अवसर पर मगध विश्वविद्यालय बोध गया के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, मगध वि वि, बोध गया के तत्वावधान में एक विशिष्ट व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित कर अमर स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुंवर सिंह के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर विभाग में एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। 1857 की क्रांति को प्रथम
स्वतंत्रता संग्राम के रूप में रेखांकित करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो मुकेश कुमार ने बाबू कुंवर सिंह के द्वारा 80 वर्ष की आयु में किए गए साहसिक कार्यों की व्याख्या करते हुए उन पर क्रांति के सबसे बड़े रणनीतिकार के रूप में शोध करने के लिए शोधार्थियों को प्रेरित किया।बाबू कुंवर सिंह ने सभी धर्मो, सम्प्रदायों एवं वर्गों को एकजुट करते हुए औपनिवेशिक शासन का विरोध किया था।
इस अवसर पर विशेष वक्तव्य इतिहास विभाग के प्रोफेसर मनीष सिन्हा के द्वारा दिया गया। प्रोफेसर सिन्हा ने बाबू कुंवर सिंह की जीवनी पर विस्तृत प्रकाश डाला और उनके द्वारा अंग्रेजी राज के विरोध को चरणबद्ध तरीके से स्पष्ट किया। बाबू कुंवर सिंह के संबंधित लोकोक्तियों का जिक्र भी किया गया।
इस अवसर पर प्रोफेसर पीयूष कमल सिन्हा, प्रोफेसर नृपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ सचिन कुमार मंदिलवार, डॉ हरीबाबू बोड़्डू, सुश्री मैसी चरण एवं रवि शंकर कुमार एवं बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं स्नातकोत्तर कक्षा के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
मंच संचालन करते हुए सहायक प्राध्यापक श्री रवि शंकर कुमार ने स्वतंत्रता आंदोलन में बाबू कुंवर सिंह के क्रांतिकारी कार्यों के प्रभाव की चर्चा की।