बिहार में इन दिनों कांग्रेस द्वारा पलायन यात्रा निकाला जा रहा है , जिस दल ने देश मे 60 साल तक शासन किया और देश को अपने राजनीतिक लाभ के लिये लोगो को भड़का कर अपनी पारिवारिक राजनीति सेट किया उसे आज युवाओं की पलायन की चिंता होना हास्यास्पद है । नेता प्रतिपक्ष राहुल बाबा जिन्होंने कभी भी संविधान और संवैधानिक मर्यादा का सम्मान नही किया वे संविधान रक्षा की बात करते है ।
जिन्होंने संविधान की हत्या कर देश पर आपातकाल थोपा था आज संविधान ले कर नौटंकी कर रहे ! आज जब देश मे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत की बात होती है , तब वोट बैंक की राजनीति करने वाले दलों को पेट मे दर्द शुरू हो जाता । बिहार में लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले कांग्रेस और लगभग 15 वर्षो तक लालू राबड़ी सरकार को अपने समर्थन से परोक्ष शासन करने वाले कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी जी को बिहार की जनता को यह
बतलाना चाहिये कि बिहार के युवा , व्यापारी , उद्योगपति , का पलायन कब हुआ , शायद राहुल जी भूल गये की लालू राबड़ी सरकार में दलेल चक बघौरा , आजन , छेछानी , सेनारी नरसंहार जैसे अनेकों घटनाओं ने बिहार को बदनाम किया । राजद शासनकाल में ही बिहार में नक्सलियों को पोषित पल्लवित किया गया जिस कारण पलायन के लिये बिहार के लोग मजबूर हुये । बिहार में लालू राबड़ी के शासन काल मे बिहार की पहचान एक सहमा बिहार , डरा बिहार , आतंकित बिहार बन गया था ,
उन दिनों शाम ढलने के पहले लोग घरों मे दुबक जाते थे , बिहार की लड़कियां घर से बाहर निकलने में डरती थी , लड़कियों की आबरू सत्ता सम्पोषण में खुलेआम लुटा जाता था । उन दिनों बिहार से उद्योगपति , व्यापारी , युवा , मजदूर , नौकरी पेशा के लोग पलायन करने को मजबूर रहे । बिहार की पहचान चरवाहा विद्यालय से होती थी । बिहार में 2005 में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बना तब से आज तक बिहार का विकास एनडीए सरकार के नेतृत्व में ही सम्भव हुआ , सम्पूर्ण बिहार में सड़कों का जाल बिछाया
, आज बिहार के किसी क्षेत्र से चार से पांच घण्टा में पटना आना सम्भव हुआ । बिहार के शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाया गया विद्यालय में भवन उपष्कर , तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही विद्यालयों को योग्य शिक्षकों से सुसज्जित किया गया । स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रखंड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त चिकित्सक , दवा की उपलब्धता , ग्रामीण स्तर पर ही जांच की सुविधा उपलब्ध करा कर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया।
सुदूर गाँवो में भी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यमो से भी लोगो को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा दिया जा रहा । बिजली के मामले में भी आत्मनिर्भरता बढ़ी है , 1990 के दशक में बिहार में बिजली शहरी क्षेत्र या महानगर तक सीमित थे , वही आज बिजली गाँवो के झोपड़ी तक अपनी पहुंच बढ़ाया है । पहले बिहार में बिजली खपत मात्र 87 मेगावाट तक सीमित थे जिनमे अकेले पटना को 37 मेगावाट की आपूर्ति होती थी , आज बिहार में लगभग 4000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही । कृषि क्षेत्र में भी बिजली किसानों का तकदीर संवार रहे । एनडीए सरकार ने समाज के सभी वर्गों के विकास के
लिये प्रभावी कदम उठाया है । राज्य में आज कानून के साथ न्याय की अवधारणा आम जनमानस में प्रतिष्ठापित हुआ है । बिहार का विकास एनडीए सरकार और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सम्भव हुआ । बिहार में एनडीए शासन काल मे सर्वाधिक नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया गया , शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक को शिक्षा मित्र से प्रखंड शिक्षक / पंचायत शिक्षक का दर्जा से लेकर राज्यकर्मी का दर्जा नीतीश सरकार ने ही प्रदान किया ।
टोला सेवक , विकास मित्र , बालबाड़ी दीदी , स्वयं सहायता समूह , आशा कर्मी जैसे कई योजना से बिहार के अत्यंत पिछड़े समाज के लोगो को रोजगार के साधन उपलब्ध करा कर आत्मनिर्भर बनाया है । बिहार की पहचान एक सशक्त समृद्ध प्रदेश के रूप में किया जा रहा । केंद्र और राज्य सरकार का सम्मलित प्रयास से बिहार उन्नत प्रदेश के रूप में नया कीर्तिमान गढ़ रहा । बिहार के लोग अब कांग्रेस और महागठबंधन के झांसे में आने वाले नही है । राहुल जी को पहले अपने ट्रैक रिकॉर्ड को ठीक करना चाहिये जिन्होंने पिछले तीन आम चुनाव में हर हथकंडा अपना कर भी 100 सीट जीत नही पाये । महागठबंधन आज भी भय – भूख , भ्रष्टाचार और आतंक का पर्याय है !