बाबूजी के विचार आज भी समाज के मार्गदर्शक हैं: कुलपति प्रो एसपी शाही
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के इतिहास विभाग एवं समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में, बाबू जगजीवन राम अकादमिक विचार मंच एवं आईक्यूएसी के सहयोग से बाबू जगजीवन राम सोशल विजन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया विषय पर एक दिवसीय विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम स्वतंत्र भारत के महान समाज सुधारक और राजनीतिक दृष्टा बाबू जगजीवन राम की जयंती के उपलक्ष्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुलपति प्रो एसपी शाही ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बाबू जगजीवन राम एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने समता, सामाजिक न्याय और राजनीतिक प्रतिबद्धता के माध्यम से देश को नई दिशा दी।
उनका जीवन आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हमें उनके विचारों को न केवल स्मरण करना चाहिए, बल्कि उन्हें आत्मसात कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य भी करना चाहिए।
विशेष वक्ता के रूप में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के पूर्व समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो अजय कुमार (सेवानिवृत्त) ने बाबूजी के जीवन के सामाजिक आयामों तथा उनके योगदानों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने उनके संघर्षपूर्ण जीवन की कई अनछुई घटनाओं को साझा किया।आईक्यूएसी के समन्वयक एवं इतिहास
विभागाध्यक्ष प्रो मुकेश कुमार ने बाबूजी के विचारों की समकालीन प्रासंगिकता को रेखांकित किया, जबकि समाज विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ आरएस जमुआर ने उनके आर्थिक दृष्टिकोण को वर्तमान विकास संदर्भ में प्रस्तुत किया। प्रो दीपक कुमार ने समतामूलक समाज की स्थापना में बाबूजी की भूमिका पर प्रकाश डाला और प्रो प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा कि बाबू जगजीवन राम केवल दलितों के नहीं, बल्कि समग्र भारत के जननेता थे।कार्यक्रम का संचालन डॉ सचिन
मंदिरवार (इतिहास विभाग) ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अंजनी घोष (राजनीतिशास्त्र विभाग) द्वारा प्रस्तुत किया गया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम बाबू जगजीवन राम के सामाजिक दृष्टिकोण और राष्ट्रीय योगदान को समझने व उनसे प्रेरणा लेने का महत्वपूर्ण मंच बना।