औरंगाबाद सदर अस्पताल लगातार चर्चे में रहता है।प्रतिदिन चिकित्सक हो या नर्स उनके साथ मरीज के परिजनों के द्वारा चिकित्सीय व्यवस्था को लेकर हंगामा होना यहां की दिनचर्या में शामिल हो गया है। ऐसी ही स्थिति मंगलवार की रात दस बजे देखने को मिली जब अस्पताल में एक ही साथ कई तरह के मरीज पहुंच गए और पहले इलाज को लेकर चिकित्सक से भीड़ गए।
स्थिति मारपीट तक पहुंचती तभी चिकित्सक डॉक्टर उदय कुमार अपने को असुरक्षित देख सदर अस्पताल से निकल गए। अस्पताल से चिकित्सक के गायब होने के बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह को लगी।
जानकारी मिलते ही वे अस्पताल पहुंचे और यहां की व्यवस्था पर जमकर बरसे उन्होंने फोन पर अस्पताल उपाधीक्षक को फोन की और यहां की चरमरा गई व्यवस्था की जानकारी दी और अस्पताल आकर मरीजों को मिलने वाली चिकित्सीय सुविधा बहल करने को कहा। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल पूरी तरह से गुटबाजी और राजनीति की चक्रव्यूह में फंस गया है।
इसका खामियाजा मरीज को भुगतना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में जो चिकित्सक लापरवाही कर मरीज के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं उनके ऊपर कार्रवाई कराई जाएगी। इधर अस्पताल में हो रहे हंगामे की जानकारी मिलते ही अस्पताल उपाधीक्षक ने इसकी जानकारी नगर थानाध्यक्ष को दी और पुलिस का सहयोग मांगा।
अस्पताल पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। तभी चिकित्सक के नहीं होने पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर सुरेंद्र सिंह रात्रि साढ़े 11 बजे सदर अस्पताल पहुंचे और खुद से मोर्चा संभाला और मरीजों का इलाज किया। बताया जाता है कि सदर अस्पताल में रात्रि में दो चिकित्सकों की ड्यूटी थी। मगर एक ही चिकित्सक डॉक्टर उदय मौजूद थे। तभी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मंजूराही गांव में मारपीट की घटना में घायल हुए आधे दर्जन से अधिक लोग सदर अस्पताल पहुंच गए। वही शहर के बराटपुर से सांस की तकलीफ से जूझ रही महिला भी इलाज के लिए पहुंच गई।
एक साथ 30 से 40 लोग इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। जिसके कारण अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। सभी लोग पहले दिखाने को लेकर चिकित्सक पर दबाव बनाने लगे। स्थिति अनियंत्रित होते ही चिकित्सक सदर अस्पताल से निकल गए और अस्पताल चिकित्सक विहीन हो गया। मरीजों के इलाज के लिए पहुंचे उपाधीक्षक ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले से सिविल सर्जन को अवगत करा दिया है और बुधवार को होनेवाली समीक्षा बैठक में इसकी चर्चा होगी और जिलाधिकारी को भी इसकी जानकारी दी
जाएगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के मनमानी रवैए से सदर अस्पताल की बदनामी हो रही है। वही इस संबंध में जब डॉक्टर उदय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रात्रि में मरीज काफी हंगामा करने लगे।जिसको लेकर अस्पताल उपाधीक्षक से बात कर एक चिकित्सक को भेजने का आग्रह किया गया था।मगर उन्होंने हाथ खड़ा कर दिया। चिकित्सक की कमी को लेकर मरीज काफी उग्र हो चुके थे और वे मारपीट पर उतारू हो गए थे। ऐसी स्थिति में जान बचने के लिए अस्पताल से हटना पड़ा।