औरंगाबाद।मुख्य साहित्यिक संस्था ओजस मगधी मंच के तत्वावधान में मुख्य संरक्षक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र के मार्गदर्शन में भव्य काव्य सह संगीत सन्ध्या का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ औरंगाबाद की कुमारी शिवांगी द्वारा ‘जय शारदे माँ, हमें तार दे माँ’ वाणी वन्दना से किया गया. कार्यक्रम का संचालन उक्त संस्था के अध्यक्ष डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र ने किया. सचिव उदय भास्कर एवं परमानन्द पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया.
औरंगाबाद की समीक्षा ने ‘ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन’ गीत की प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया. गया से कुंदन मिश्र ने ‘जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम’ की मनभावन प्रस्तुति दी.गया की श्वेता पाठक ने मधुर स्वर में फिल्मी गीत सुनाकर तालियाँ बटोरी.आँती के श्यामसुंदर मिश्र की कविता
‘शिव की अद्भुत बरात’ तो औरंगाबाद के अजय कुमार पाठक ने ‘जगत में कोई न परमानेंट’ गीत आध्यात्मिकता के रंग बिखेरे. अम्बिकापुर से राजेश मिश्र की भक्ति गीत ‘हे रघुबर तेरी आरती गाऊँ’ और प्रमोद कुमार मिश्र की होली गीत ‘सुमिरत सिरी भगवान’ को सुनकर श्रोता झूम उठे.
चौंरी के आशुतोष पाण्डेय ने रामचरितमानस की चौपाइयों का लयपूर्ण वाचन किया तो मिश्रबिगहा टिकारी के धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने बाँसुरी वादन प्रस्तुत किया.गया के परमानन्द पाठक की हास्य व्यंग्य की कविता ने श्रोताओं को ठहाके लगाने को विवश कर दिया. इस अवसर पर कौशल मिश्र, गणेशदत्त मिश्र, पुरुषोत्तम त्रिवेदी, चंदन पाठक,नेहा कुमारी,रविन्द्र कुमार मिश्र, विकटेश,सोनल आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.