गया प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग, मगध विश्वविधालय, बोधगया में दिनांक 29 जनवरी, 2025 को “मध्य गंगा घाटी के प्राचीन मृदभाण्ड” विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया । इस व्याख्यान के वक्ता के रूप में प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, काशी हिन्दू विश्वविधालय, बनारस के पुरातत्वविद् डाॅ. अशोक कुमार सिंह को आमंत्रित किया गया।
इस विशेष व्याख्यान में डाॅ. अशोक सिंह ने मध्य गंगा घाटी की प्राचीन संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिसके अंतर्गत उन्होंने अग्याविर (भदोही जिला), उत्तर प्रदेश के उत्खनन से प्राप्त प्राचीन मृदभाण्डों एवं अन्य पुरातात्विक सामाग्रियों के बारे में विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया। डाॅ. अशोक ने बताया कि प्राचीन स्थलों के उत्खनन से विभिन्न प्रकार के मिट्टी के वर्तन प्राप्त होते हैं जिनसे हमें
विभिन्न कालखण्डों से जुड़े प्राचीन लोगों के जीवन स्तर के बारे में जानकारी मिलती है। उन्होंने अग्याविर उत्खनन से प्राप्त मिट्टी के बर्तनों एवं पुरावशेषों की तस्वीरें दिखाते हुए बताया कि यह स्थल नवपाषाणकाल से लेकर गुप्तकाल तक की संस्कृति का साक्षी रहा है। जिससे हमें विस्तृत सांस्कृतिक विरासत के बारे में दुर्लभ
जानकारी मिलती है। अग्याविर उत्खनन से विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तनों के अलावे विभिन्न प्रकार के ताँबे के बनी कलाकृतियाँ एवं कीमती एवं अर्ध्द कीमती पत्थरों की वस्तुएँ प्राप्त हुए हैं। इस विशेष व्याख्यान में प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग और बौद्ध अध्ययन विभाग के विधार्थी एवं शोधार्थियों के अलावे सभी
शिक्षकगण उपस्थित थें। इस व्याख्यान की अध्यक्षता प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग के नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डाॅ. विनोद कुमार यादवेन्दू द्वारा की गई तथा विशेष अतिथि के रूप में बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा उपस्थित थें।