औरंगाबाद। जिले से अमरनाथ यात्रा के लिए 52 श्रद्धालुओं का जत्था 5 जुलाई को बर्फ़ानी बाबा के दर्शन के लिए पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे. पिछले दस वर्षों से अमरनाथ यात्रा को जा रहे देव के एरकी निवासी अरविंद कुमार तिवारी ने बताया कि इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 01 जुलाई से 31 अगस्त तक निर्धारित है. इस यात्रा के इतिहास में पहली बार यह यात्रा 62 दिन की हो रही है.
भारत सरकार ने आतंकियों के हमले के इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा का पुख्ता चाक चौबंद व्यवस्था किया गया है. इस बार की सुरक्षा में सेना, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ, कमांडो, एनएसजी, एयर फोर्स की तैनाती के साथ साथ ड्रोन से कड़ी निगरानी कर की जा रही है.
जत्थे में पहली बार यात्रा पर जा रहे बाबू कर्मा औरंगाबाद निवासी आनंद कुमार ने बताया कि बाबा का बुलावा आया है, इसलिए वे काफी प्रसन्नता के साथ जा रहे है, उन्होंने बताया कि वे इस यात्रा हेतु मेडिकल, यात्रा पंजीकरण आज से 2 माह पहले ही करवा चुके है. जत्थे के सभी श्रद्धालु पटना से फ्लाइट से दिल्ली और फिर वहां से श्रीनगर एयरपोर्ट जाएंगे, जहां से वे 06 जुलाई को बालटाल बेस कैंप के लिए सेना के काफिले के साथ रवाना होंगे.
इस वर्ष की यात्रा में श्रद्धालुओं का जोश देखते बन रहा. अरविंद तिवारी जो लगातार 10 वर्षो से यह यात्रा कर रहे, ने बताया कि इस यात्रा की अनुभूति ही ऐसी है जिसको शब्दों में बयां नही की जा सकती है. यात्रा के इस जत्थे में शामिल होने वाले श्रद्धालु औरंगाबाद, गया, पटना, मुंगेर, अररिया, किशनगंज, कटिहार एवं रांची से शामिल हैं जिसमें महिला श्रद्धालु भी काफी संख्या में हैं.
श्री तिवारी ने बताया कि उनके साथ इस जत्थे में राजीव रंजन, मनोज एवं बिनोद मंडल, सुजय सिंह, सोनी सिंह, अंजना कुमारी, अलका प्रकाश, देवमीता विश्वास, उषा कुमारी, सचिदानंद चौधरी, आनंद कुमार, सत्यप्रकाश सिंह, वरुण चंद्रा, अमित कुमार, प्रेरणा कुमारी, रविराज कुमार, सुनील गुप्ता, सामवेद प्रकाश, सुमित कुमार, उत्पल कुमार, अमरजीत विश्वासी, उषा कुमारी, आशीष देवरा, कमलकांत, संजय कुमार, संतोष सागर, संजय कुमार, उदय कुमार, श्यामानंद चौधरी एवं अन्य श्रद्धालु शामिल हैं.
अमरनाथ यात्रा – 2023
🔹पहली बार यह यात्रा 01 जुलाई से 31 अगस्त तक कुल 62 दिन की अवधि की होगी.
🔹गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने इस बार सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है. लगभग 1.5 लाख केंद्रित अर्ध सैनिक की तैनाती.
🔹इस बार किसी भी यात्री को गुफा के पास रात्रि में रुकने का निर्देश नही.
🔹पहली बार भारतीय वायु सेना को लगाया गया है. वायु सेना के 24 हेलीकॉप्टर यात्रा मार्ग से गुफा के ऊपर तक उड़ान भरते रहेंगे और किसी भी आपात स्थिति यात्रियों को रेस्क्यू करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
🔹इस बार हिमालयन पर्वतारोहियों की भी तैनाती. बर्फ के पहाड़ दरकने, ग्लेशियर के फटने या भूस्खलन की स्थिति में देवदूत के रूप में आएंगे पेश.
🔹सुरक्षा का जायजा लेने गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही दोनो बेस कैंप बालटाल एवं पहलगाम जा चुके है.
🔹सभी सेनाओं के अध्यक्ष भी दौरा कर चुके हैं एवं सुरक्षा हेतु आवश्यक निर्देश दिए हैं.