औरंगाबाद।शहर के नागा बीघा स्थित निजी विद्यालय के सभागार में शनिवार को संस्कार भारती, औरंगाबाद की बैठक आयोजित की गयी जिसमें मगही कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर चचर्चा की गई।
बैठक में संस्कार भारती के संगठन मंत्री वेद प्रकाश ने बताया कि 7 और 8 सितंबर को गया शहर के चांद चौरा में स्थित सीजुआर उत्सव हॉल में दो दिवसीय मगही कला उत्सव का आयोजन किया जाएगा, इनके साथ कार्यक्रम संयोजक रंजय अग्रहरी, विकास मिश्र भी उपस्थित रहे। जिसमें मगध प्रमंडल के लगभग एक हजार कलाकार शामिल होंगे। इस आयोजन का उद्देश्य लुप्त होती मगही कला और संस्कृति को पुनर्जीवित करना है।
उत्सव के प्रमुख विषयों में सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य और स्वदेशी जीवन शैली शामिल है। उत्सव के दौरान विभिन्न कलाओं के कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा और उन्हें अपनी कला को प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। उत्सव की तैयारी जोरों पर है और विभिन्न कलाओं के कलाकारों से संपर्क किया जा रहा है।
दक्षिण बिहार प्रांत मंत्री रंजय अग्रहरी तथा दक्षिण बिहार प्रांतीय सदस्य विकास मिश्रा ने बताया कि यह उत्सव चांदचौरा स्थित सिजुआर भवन में आयोजित किया जाएगा। यह मगध क्षेत्र में पहली बार होगा कि इस प्रकार का भव्य आयोजन हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस उत्सव में भाग लेने के लिए कलाकारों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
चित्रकला संयोजक पंकज पटेल जी ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन मगध क्षेत्र की संस्कृति और कला को राष्ट्रीय फलक पर उजागर करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जो क्षेत्र के कलाकारों और कला प्रेमियों के लिए एक अनूठा अवसर होगा। औरंगाबाद से भी बड़ी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं।
बैठक में जिला के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ हेरम्ब मिश्र,व्यवस्था प्रमुख चन्दन गोकुल जी, आईटी सेल मेघनाथ जी, सूचना रविचंद्र अग्रहरि जी, अमन जी, नृत्य रीकी जी,पवन, अन्य सदस्य उपस्थित रहे।