नई दिल्ली। सीपीआई (माओवादी) पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के तहत, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को बिहार के दो जिलों में सात स्थानों पर तलाशी ली और गोला-बारूद के साथ कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया।
दो प्रमुख सीपीआई (माओवादी) नेताओं, विजय कुमार आर्य, सीसी सदस्य और उमेश चौधरी की गिरफ्तारी से जुड़े आरसी-19/2022/एनआईए-डीएलआई मामले में कैमूर जिले में पांच और रोहतास जिले में दो स्थानों पर तलाशी ली गई। जिन्हें अप्रैल 2022 में रोहतास जिले से उठाया गया था। उस समय आर्य के पास से लेवी रसीदें, प्रतिबंधित आतंकी संगठन के नक्सली पर्चे और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे।
आर्य और चौधरी के अलावा, तीन अन्य आरोपी, अनिल यादव उर्फ अनिल व्यास, राजेश कुमार गुप्ता और रूपेश कुमार सिंह, वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और मामले में एनआईए द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया है।
तलाशी में जीवित गोला-बारूद के अलावा मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड सहित कुछ आपत्तिजनक दस्तावेजों, डायरियों आदि सहित डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया था। भर्ती और लेवी वसूली के माध्यम से संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहे सीपीआई (माओवादी) कैडरों के बारे में और सुराग के लिए उपकरणों और दस्तावेजों की जांच की जा रही है।