विवेकानंद वीआईपी स्कूल में जीवन कौशल पर एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

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औरंगाबाद। शहर के विवेकानंद वीआईपी स्कूल के ज्योतिबाफुले सभागार में सीबीएसई की ओर से जीवन कौशल विषय पर विभिन्न विद्यालय के अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। सत्र में विभिन्न विद्यालयों के 64 अध्यापकों ने हिस्सा लिया। इस प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत निदेशक डॉ शंभू शरण सिंह, चेयरमैन मनीष वत्स,प्राचार्य नरेंद्र कुमार सिंह, उपप्राचार्य संजीव कुमार, विवेकानंद वीआईपीएफ इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ रंजय कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष रामचंद्र शर्मा, रिसोर्स पर्सन श्रीमती शावली दत्ता, श्रीमती वसुंधरा ने स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पार्चन कर किया।

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स्वागत कुमारी सुमन और विवेकानंद बिग्रेड के छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत कर किया।निदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य एक चिंतनशील प्राणी है,यह बदलते जमाना के साथ स्वयं को बदलना जानता है।इस बदलाव की यात्रा में नित्य नई चुनौतियों से सामना होता रहता है।इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें जीवन कौशल का आना जरूरी है।आज के बच्चे कम उम्र में डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।अब शिक्षक की भूमिका सिर्फ शिक्षण तक ही सिमित नही है,उन्हें एक सुविधाप्रदाता के रूप में बच्चों का निर्माण करना होता है। आज के बच्चे कल के भविष्य हैं।

आज के दौर में अध्यापकों और परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी होती है कि बच्चे के मन मे उठ रहे विचारों से रु-ब-रु हो कर उनके जिज्ञासा को शांत किया जाए।इस प्रकार उत्तम जीवन कौशल द्वारा जीवन में भटकाव को रोक उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाया जा सकता है।दोनों रिसोर्स पर्सन ने अध्यापकों को जीवन कौशल व उनकी चुनौतियों के विषय पर प्रशिक्षण दिया। वेन्यू निदेशक नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अलग अलग सत्रो द्वारा जीवन मे आने वाली विभिन्न चुनौतियां और समाधान विषय पर प्रशिक्षण दिया गया।

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इस सत्र में औरंगाबाद, सासाराम, गया, दाउदनगर के विभिन्न विद्यालयों के अध्यापकों ने भाग लिया। चेयरमैन मनीष वत्स ने अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनौतियां जीवन का अहम हिस्सा है,बिना चुनौतियों की जीवन की कल्पना नही की जा सकती।बस हमारे पास उन चुनौतियों पर विजय पाने का कौशल होना चाहिए।मनुष्य के जीवन में चुनौतियाँ और निखार लाती है। विद्यार्थियो में हमे आज वैसे स्किल उन्नत करने होंगे ताकि वे उन चुनौतियों का सफलता पूर्वक सामना कर सकें।उनमे डिसिजन मेकिंग स्किल, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल,इनोवेटिव आइडियाज़, सेल्फ रिस्पेक्ट, सोशल स्किल,हॉस्पिटैलिटी स्किल, सेल्फ रिलेन्ट, इंटर पर्सनल रिलेशनशिप स्किल, कॉम्युनिकेशन स्किल आदि गुणों को समाहित करने होंगे।

शिक्षकों को छात्रों के साथ एक समन्यवय बना कर समस्या और समाधान की दिशा में मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।इसे लेकर सीबीएसई द्वारा भी कई निर्देश प्राप्त होते हैं। इसी जानकारी को लेकर अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया है।मनोविज्ञान और जीवनशैली को सुधारने के लिए इस प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राहुल कुमार तिवारी ने सत्र संचालन में भाग लेने के लिए सभी आगन्तुकों के प्रति आभार जताया।कहा कि इस प्रशिक्षण सत्र में प्राप्त अनुभव से आप शिक्षण क्षेत्र में जरूर लाभान्वित होंगे।

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