जगजीवन राम पॉलिटिकल- इकोनॉमी आइडियाज़ एंड रिफॉर्म” विषय पर विबाबूशेष व्याख्यान का किया गया आयोजन

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जगजीवन राम: पॉलिटिकल- इकोनॉमी आइडियाज़ एंड रिफॉर्म” विषय पर विबाबूशेष व्याख्यान का किया गया आयोजन

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मगध विश्वविद्यालय बोधगया के डॉ. राधाकृष्णन हाल में बाबू जगजीवन राम जी की पुण्यतिथि(6 जुलाई)के अवसर पर बाबू जगजीवन राम अकादमिक विचार मंच एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में माननीय कुलपति प्रोफेसर शशि प्रताप शाही की अध्यक्षता में “ जगजीवन राम: पॉलिटिकल- इकोनॉमी आइडियाज़ एंड रिफॉर्म” विषय पर विबाबूशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सोशल साइंस एंड पालिसी के संकाय प्रमुख एवं राजनीतिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रणव कुमार थे। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबू जगजीवन राम के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

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कार्यक्रम के प्रारंभ में बाबू जगजीवन राम अकादमिक विचार मंच एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रोफेसर मुकेश कुमार ने सभा में उपस्थित सभी विद्वजनों का स्वागत करते हुए उन्हें कार्यक्रम के विषय संदर्भ से परिचित कराया।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय ने बाबू जगजीवन राम के जीवन से प्रेरणा प्राप्त करने के संदर्भ में प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति से प्रेरणा उनके शब्दों से नहीं बल्कि व्यक्ति के कर्मों से होता है और

बाबू जगजीवन राम का जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम ऊंच- नीच का भेद मिटा कर अपने लक्ष्य को पूर्ण करने का प्रयास करें। बाबू जगजीवन राम कठोर जाति व्यवस्था के भयानक अंधकार के बीच जन्म लेने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने सदैव सामाजिक न्याय को सर्वप्रथम माना।

उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है।माननीय कुलपति प्रोफेसर शाही प्रताप सर ने कहा कि स्वातंत्र्योत्तर भारत में राजनेताओं में बाबू जगजीवन राम का स्थान अग्रणीय था, वे गाँधी और नेहरू सदृश्य राजनेता थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हमें अपने पुरखों का सम्मान व उन्हें सदैव याद करना चाहिए। उनसे हमें शिक्षा लेती रहनी चाहिए जो कि हमारे जीवन को नेतृत्व प्रदान करें। प्रो.शशि के अनुसार।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर प्रणब कुमार ने बाबू जगजीवन राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उनके विभिन्न मंत्रालयों में किए गए सराहनीय योगदान का उल्लेख किया। जिसमें हरित क्रांति के माध्यम से तत्कालीन भारत में खाद्यान्न समस्या का निदान एवं पूर्वी पाकिस्तान की समस्या का स्थायी हल प्रमुख थे।प्रो. प्रणव कुमार ने बाबू जी के व्यक्तित्व के प्रति जागरूकता की कमी की और भी ध्यान आकर्षित किया। व्याख्यान की अगली श्रृंखला में अधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान

संकाय प्रोफेसर आर.एस. जमुआर एवं कुल सचिव प्रोफेसर विपिन कुमार ने भी अपने विचारों से बाबू जगजीवन राम को श्रद्धांजलि अर्पित किया I कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर बी.आर.के. सिन्हा ने भी बाबू जगजीवन राम के राजनीतिक एवं आर्थिक पहलुओं से संबंधित अपने विचार सभागार में प्रस्तुत कियें।

उन्होंने बताया कि बाबू जगजीवन राम जी ने आजीवन अन्याय के खिलाफ़ संघर्ष किया व समाजवादी विकास का प्रतिमान दिया। मगध विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. आर.एस जमुआर ने बाबू जगजीवन राम की भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के अंत में समाजशास्त्र विभाग के सहायक उपIचार्य डॉक्टर प्रमोद कुमार चौधरी ने उपस्थित सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपसिखा ने किया। इस अवसर पर लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रोफेसर एहतेशाम खान,आयोजन समिति में कविता कुमारी डॉ. विजय कांत यादव, डॉ. कुमारी दीपा रानी उपस्थित रहे। सभागार में प्रो.दीपक कुमार, प्रो. नृपेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह, डॉ.अस्मिता खालखो, डॉ.प्रियम शर्मा, डॉ. वंदना कुमारी, डॉ. दिव्या मिश्रा तथा अन्य विभागों के शिक्षक शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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