राजेश मिश्रा
औरंगाबाद। लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। वोटरों को अपने पाले में करने के लिए सभी प्रत्याशियों के द्वारा व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किये जा रहे हैं।
एक ओर औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह तो दूसरी ओर महागठबंधन के उम्मीदवार अभय कुशवाहा लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। लेकिन जनता अपने पत्ते खोलने के लिए कतई तैयार नहीं है।
वे मतदान के दिन ही अपने तरकश से बान निकालेंगे वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह को स्थानीय होने पर ज्यादा फायदा मिलते दिख रहा है। दूसरी और महागठबंधन के उम्मीदवार अभय कुशवाहा जो कि स्थानीय नहीं है लेकिन फिर भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
ऐसे में उनके समर्थकों का मानना है कि इस बार महागठबंधन के उम्मीदवार कुशवाहा भारी अंतर से चुनाव जीतेंगे। लेकिन दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं और लगातार अपने क्षेत्र में समर्थन के लिए वोटरों से संपर्क अभियान तेज कर दी है।
वही उनके समर्थ को का मानना है कि सांसद हमारे स्थानीय हैं और जब भी किसी प्रकार की परेशानी होती है तो उसका निवारण करते हैं। इसका स्पष्ट रूप से उन्हें फायदा मिलता दिख रहा है। लेकिन दूसरी ओर कुछ लोगों की यह भी शिकायत है की अभी तक जिले में मेडिकल कॉलेज न बनना और जिले में पेयजल की किल्लत के लिए उन्हें ही दोषी मानते हैं।
लेकिन बात यह भी है कि किसी भी बड़े पद मिल जाने के बाद जिम्मेदारी भी बड़ी हो जाती है। और सारी परेशानियों को एक साथ नहीं खत्म नहीं की जा सकती उसमें समय लगता है। अब देखना होगा कि राजनीतिक उठा पटक के बिच किस करवट बैठती है ऊंट।